एक देश एक चुनाव और मजबूत होगी लोकतांत्रिक व्यवस्था : प्रो. एके महापात्रा

कानपुर, 22 मार्च (हि.स.)। किसी भी देश के चुनाव का महत्व राष्ट्र को लोकतंत्र बनाना होता है, जहां नागरिकों के द्वारा सामूहिक निर्णय लिया जाता है। भारत में एक देश एक चुनाव से लोकतांत्रिक व्यवस्था और मजबूत होगी। ह नीति सुनिश्चित करेगी कि समाज में उनकी स्थिति की परवाह किए बिना सभी को समान रूप से भाग लेने का मौका मिले। यह बातें शनिवार को एक देश एक चुनाव पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली के प्रसिद्ध शिक्षाविद प्रो. ए.के. महापात्रा कहीं।
कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के मार्गदर्शन में अटल बिहारी वाजपेयी विधि अध्ययन विद्यालय, सीएसजेएम विश्वविद्यालय ने शनिवार को एक राष्ट्र एक चुनाव पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन समारोह आयोजित किया गया। भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर), नई दिल्ली के प्रायोजन के तहत आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी में भारत में चुनावी सुधारों के भविष्य पर विचार-विमर्श करने के लिए नीति निर्माता, कानूनी विशेषज्ञ और विद्वान एक साथ आए। सभी ने एक स्वर में एक राष्ट्र-एक चुनाव के पक्ष में अपने विचार पुरजोर तरीके से प्रस्तुत किए। सत्र की शुरुआत सीएसजेएम विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज के सहायक निदेशक दिव्यांशु शुक्ला के स्वागत भाषण से हुई, जिन्होंने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और भारत की चुनावी नीतियों को आकार देने में कानूनी शोध के महत्व पर जोर दिया।
उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी चुनाव आयोग के अध्यक्ष मुकुल सिंघल (आईएएस) ने सभा को संबोधित किया और बताया कि कैसे 1989 के चुनाव भी एक राष्ट्र एक चुनाव के माध्यम से मतपत्रों के माध्यम से हुए थे। उन्होंने उपस्थित लोगों को बताया कि वर्तमान चुनाव व्यवस्था के कारण भारत में व्यवधान का स्तर बहुत अधिक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक चुनाव और एक राष्ट्र का मतलब सत्ता में कटौती नहीं है और अगर हम इस संदर्भ में बात करें तो जी.एस.टी. (वस्तु एवं सेवा कर) एक बहुत बड़ी समस्या थी, जहां राज्य सरकार ने एक प्रमुख कार्यकारी शक्ति खो दी। उन्होंने आगे कहा कि हमें बेहतर निर्णय लेने, नीति निर्माण और राष्ट्र के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और हम इस पर तभी ध्यान केंद्रित कर सकते हैं जब हमारे देश में एक राष्ट्र एक चुनाव की नीति लागू हो। उन्होंने एक राष्ट्र एक चुनाव से होने वाले सभी लाभों के बारे में भी बताया।
मुख्य अतिथि, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डॉ. गौतम चौधरी ने एक राष्ट्र एक चुनाव पर एक प्रभावशाली भाषण दिया। उन्होंने विशेष रूप से नीति की रूपरेखा के बारे में चर्चा की और इस नीति को लागू करने के लिए हमें कैसे और क्या ध्यान में रखना चाहिए यह भी बताया।
हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद