क्वालिटी ऑफ एजुकेशन पर हो पूरा फोकस : मुख्यमंत्री

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क्वालिटी ऑफ एजुकेशन पर हो पूरा फोकस : मुख्यमंत्री


-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक

लखनऊ, 22 मार्च (हि. स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सरकार का खजाना जनता का पैसा है और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है।

उन्होंने निर्देश दिया कि प्रदेश का कोई भी विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं होना चाहिए। हमारा पूरा फोकस क्वालिटी ऑफ एजुकेशन पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी आकांक्षात्मक जनपदों एवं विकास खंडों में शिक्षक छात्र का अनुपात बेहतर रहे। सरकार हर स्थिति में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने आपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत 19 पैरामीटर्स को ध्यान में रखते हुए अंतरविभागीय समन्वय के साथ कार्य कर रही है। सभी परिषदीय विद्यालयों में बालक एवं बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। साथ ही इन विद्यालयों में पेयजल, अच्छी फ्लोरिंग के क्लासरूम, विद्युत की सुविधा, बाउंड्रीवाल व गेट सहित अच्छे फर्नीचर उपलब्ध कराए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कक्षा एक से 12 तक के लिए मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालयों का निर्माण करा रही है। इसके लिए 26 जनपदों हेतु धनराशि निर्गत की जा चुकी है। इसके अलावा प्री प्राइमरी से कक्षा 8 तक के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय बनाए जा रहे हैं। 58 जनपदों में इनके निर्माण के लिए भी धनराशि निर्गत की जा चुकी है। इन दोनों प्रकार के विद्यालयों में प्लेग्राउंड, ट्रेनिंग सेंटर जिनमें क्राफ्ट, माटी कला और न्यू एज कोर्सेज की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए। प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 925 तथा वर्ष 2024-25 में 785 शासकीय विद्यालयों को पीएमश्री योजना के अंतर्गत उच्चीकरण करने के कार्य को आगे बढ़ाया है। इन पीएमश्री विद्यालयों को एक इंटीग्रेटेड कैंपस के रूप में विकसित करना हमारी प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से प्रथम चरण में 13 डायट्स को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे डायट को एक संसाधन केंद्र के रूप में विकसित कर पाएंगे और समावेशी शिक्षा को आगे बढ़ा पाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में किए गए समग्र प्रयासों के परिणाम आज असर (ACER) रिपोर्ट में देखे जा सकते हैं। वर्ष 2024 की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश द्वारा शिक्ष की गुणवत्ता के क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है। उत्तर प्रदेश अब टॉप परफॉर्मिंग स्टेट की श्रेणी में सम्मिलित हो गया है। 2018 से 2024 के बीच उत्तर प्रदेश में शिक्षा के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है जो प्रशंसनीय है।

प्राथमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की उपस्थिति वर्ष 2010 में 57 प्रतिशत थी जो वर्ष 2024 में बढ़कर 71.4 प्रतिशत हो गई है। प्रदेश में बालिकाओं का नामांकन बालकों की तुलना में अधिक है। विगत 8 वर्षों में मध्याह्न भोजन व्यवस्था का विस्तार हुआ है। यह 2010 में 70 प्रतिशत थी जो 2024 में बढ़कर 95.4 प्रतिशत हो गई है। परिषदीय विद्यालयों में पुस्तकालयों का उपयोग 78 प्रतिशत हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी एक अप्रैल से 15 अप्रैल तक और जुलाई माह में 15 दिन का स्कूल चलो अभियान संचालित किया जाएगा। इस दौरान शिक्षकों, ग्राम प्रधानों व ग्राम पंचायत के सदस्यों द्वारा मिलकर इस प्रकार व्यवस्था की जाए कि यह स्कूल चलो अभियान बच्चों को एक उत्सव की भांति लगे।

सीएम ने अधिकारियों को समर कैंप संचालित करने के लिए भी निर्देशित किया। यह समर कैंप एक से डेढ़ घंटे के होने चाहिए। इन कैंपों में बच्चों को खेल-खेल में नई चीजों को सिखाने पर बल दिया जाएगा, ताकि बच्चे पढ़ाई को बोझ न समझकर मनोरंजन की तरह लें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की व्यवस्थाओं को और बेहतर किया जाए।

उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों का प्रतिफल है कि आरटीई के अंतर्गत वर्ष 2016-17 में 10784 बच्चे अध्ययनरत थे, जबकि 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 4 लाख 58 हजार से अधिक हो गई है। इसके अंतर्गत प्रदेश सरकार द्वारा गैरसहायतित मान्यता प्राप्त विद्यालयों को वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक 728 करोड़ रुपये से अधिक फीस प्रतिपूर्ति का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि शारदा कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में 7.77 लाख बच्चों का परिषदीय विद्यालयों में प्रवेश कराया गया है। प्रदेश में वर्तमान में 1.93 करोड़ बच्चे परिषदीय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में 85,726 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया जा रहा है। प्रदेश सरकार वर्ष 2021-22 से छात्र छात्राओं को निशुल्क यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता, मोजा उपलब्ध कराने के लिए उनके अभिभावकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से प्रत्येक विद्यार्थी के लिए 1200 रुपये अंतरित कर रही है। 25,784 परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज, 5568 आईसीटी लैब्स तथा 2 लाख 61 हजार से अधिक टैबलेट की उपलब्धता सुनिश्चित कराकर डिजिटल शिक्षा को आगे बढ़ाया जा रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला

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