विनियमनों से वित्तीय समावेश में अनपेक्षित बाधाएं उत्पन्न नहीं होनी चाहिए: संजय मल्होत्रा


नई दिल्ली/मुंबई, 26 मार्च (हि.स.)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को कहा कि विनियमनों को वित्तीय समावेशन को गहरा करने के लिए अनपेक्षित अवरोध पैदा नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैध गतिविधियों को रोका नहीं जाना चाहिए। मल्होत्रा ने नियामकों के लिए चेतावनी भी दी।
आरबीआई गवर्नर ने यहां वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ)) के कार्यक्रम में कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के बदलते पारिदृश्य में नियामकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) आदि के जरिए असेसमेंट फ्रेमवर्क को लगातार मजबूत करना चाहिए।
मल्होत्रा ने कहा कि नीति निर्माताओं को भी सावधान रहना चाहिए और अपने उपायों के साथ अति उत्साही नहीं होना चाहिए, वैध गतिविधियों को दबाया नहीं जाना चाहिए। मल्होत्रा ने केंद्रीय बैंकों से वित्तीय दुनिया में नवीनतम रुझानों और विकास को समझने का भी आग्रह किया, जिसका आपराधिक तत्वों द्वारा फायदा उठाया जा सकता है। मल्होत्रा ने कहा कि भारत ने वित्तीय समावेशन पर पर्याप्त प्रगति की है। अब 94 फीसदी वयस्कों के पास बैंक खाता है।
उल्लेखनीय है कि वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ)) एक अंतर-सरकारी संगठन है, जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण को रोकने के लिए भी काम करता है। इसके फ्रेंच नाम, ग्रुप डी'एक्शन फाइनेंसियर (जीएएफआई) से भी जाना जाता है। इसे 1989 में जी-7 द्वारा स्थापित किया गया था।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर