दसवीं के छात्र की सूझबूझ से बची 40 बच्चों की जान, लापरवाह चालक-परिचालक पर मामला दर्ज

शिमला, 29 मार्च (हि.स.)। जिला शिमला के ठियोग उपमंडल में एक निजी स्कूल बस में बड़ा हादसा होने से बच गया, जब चालक और परिचालक की लापरवाही के कारण बस बच्चों समेत आगे बढ़ने लगी। गनीमत रही कि दसवीं कक्षा के एक सतर्क छात्र ने हिम्मत और सूझबूझ दिखाते हुए बस को रोक दिया, जिससे 40 स्कूली बच्चों की जान बच गई। इस गंभीर मामले में ठियोग पुलिस ने चालक और परिचालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ये घटना बीते 26 मार्च की है, जब बगरोखड़ से ठियोग स्थित एक निजी स्कूल की बस (एचपी63सी-5344) रोज की तरह सुबह 8:00 बजे चली। यह बस आमतौर पर 9:20 बजे स्कूल पहुंचती है। लेकिन राहिघाट स्टेशन पर चालक बलवंत सिंह और परिचालक नरेश ने बस को खड़ा कर दिया और खुद उतर गए। लापरवाही इतनी बड़ी थी कि बस को न्यूट्रल गियर में छोड़ दिया गया और सिर्फ हैंडब्रेक लगाया गया था। कुछ ही देर में बस धीरे-धीरे ढलान की ओर सरकने लगी, जिससे बस में सवार 40 से अधिक बच्चों की जान खतरे में पड़ गई।
इसी दौरान बस में सवार दसवीं कक्षा के छात्र आदित्य ने खतरे को भांप लिया और बिना घबराए तेजी से हैंडब्रेक खींचकर बस को रोक दिया। उसकी सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया। इस घटना के बाद स्कूल प्रशासन और अभिभावकों में भारी आक्रोश देखने को मिला। उन्होंने चालक और परिचालक की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
स्कूल की प्रधानाचार्या अराधना भारद्वाज ने ठियोग थाना में लिखित शिकायत दर्ज करवाई, जिसके आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 125 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा