आयुष्मान भारत योजना जयश्री प्रसाद के लिए बना वरदान,हुए स्वस्थ, परिवार गदगद

वाराणसी, 26मार्च (हि,स,) जिले में, आयुष्मान भारत योजना (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) के तहत, कई गरीब और कमजोर परिवारों को मुफ्त और कैशलेस इलाज मिल रहा है, जिससे उनकी जान बच रही है और वे बेहतर जीवन जी पा रहे हैं। इस योजना से एक बार फिर एक 73 वर्ष के मरीज की जान बच गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी बताया कि पहाड़ पुर , वाराणसी निवासी बुजुर्ग जयश्री प्रसाद ने सूर्योदय अस्पताल में उन्नत उपचार के लिए ओपीडी में दिखाया, जहाँ उन्हें आयुष्मान भारत योजना के रूप में बहुत सहायता मिली। इस योजना के तहत एक पात्र लाभार्थी होने के नाते, उन्होंने वहां अपना इलाज करवाया। जयश्री अब पूरी तरह से ठीक हो गये हैं और अपने परिवार में आ गये हैं। योजना का लाभ उनके लिए एक बड़ा वरदान साबित हुआ, जिसके माध्यम से वह खुद को और अपने बच्चों के भविष्य को बचाने में सक्षम हुए। आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज पाकर जयश्री प्रसाद स्वस्थ हुए और परिवार भी खुश हुआ|
आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. एसएस कनौजिया ने बताया कि जयश्री प्रसाद पिछले कुछ वर्षों से हृदय रोग से पीड़ित थे, जिसके कारण उन्हें स्वस्थ रहने के लिए उनके हृदय की जांच की तुरंत आवश्यकता थी। 73 वर्षीय जयश्री प्रसाद ने सूर्योदय हॉस्पिटल, भोजूवीर में डाक्टर को ओपीडी में दिखाया था। डाॅक्टर ने जयश्री प्रसाद को देखने के बाद आईसीयू में भर्ती करने का निर्णय लिया और उपचार शुरू किया| मरीज को एक सप्ताह से बुखार आ रहा था, खांसी के साथ-साथ बलगम, हाई ग्रेड पैरेक्सिया और पेशाब करने में दिक्कत होती थी, बीपी बढ़ जाता था, साँस लेने में दिक्कत होती थी, दिल कि धड़कन बढ़ जाती थी, इलाज शुरू करने के एक हप्ते के बाद मरीज में काफी सुधार आया| यह मरीज 8 दिसम्बर को डिस्चार्ज हो गया। जयश्री प्रसाद का इलाज आयुष्मान कार्ड से 96000 में किया गया।
“जयश्री प्रसाद ने बताया कि मेरे दिल की बीमारी के कारण इस दर्द और पीड़ा के साथ, हर दिन मुझे एक साल जैसा लगता था। मैं अपने बच्चों के भविष्य के बारे में चिंतित था और सोच रहा था कि अगर मैं जीवित नहीं रहा तो उनका क्या होगा। सरकार की यह योजना हमारे जैसे लोगों के लिए एक बड़ा सहारा है और मैं बस यही चाहता हूं कि अधिक से अधिक लोग अपने परिवार के स्वास्थ्य और धन को बचाने के लिए इस योजना का लाभ उठायें।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी