सीकर में जीण भवानी का लक्खी मेला शुरू, भक्तों की उमड़ी भीड़

सीकर, 30 मार्च (हि.स.)। शक्तिपीठ मां जीण भवानी का चैत्र नवरात्र लक्खी मेला रविवार से शुरू हो गया, जो 7 अप्रैल तक चलेगा। मेले में हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं। मंदिर का गर्भगृह रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है और माता को विशेष चांदी के वर्क से बनी पोशाक धारण कराई गई है।
नवरात्र के पहले दिन हर्षनाथ मंदिर के पुजारी 108 मीटर लंबी लाल चुनरी लेकर बैंड-बाजे के साथ मां जीण का मायरा भरने के लिए जीणमाता मंदिर पहुंचे। परंपरागत भात रस्म पूरी की गई, जिसमें 21 लोग बैंड-बाजे के साथ शामिल हुए। यह चुनरी सूरत और कोलकाता के किनारी व गोटे से तैयार की गई थी, जिसे सीकर की महिलाओं ने 18 दिन में तैयार किया।
मेले में पशु बलि, शराब और डीजे पर पूर्णतया प्रतिबंध है। इस बार ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए बदलाव किए गए हैं। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पहली बार जीणमाता में एआई तकनीक के 100 कैमरे लगाए गए हैं, जिससे भक्तों की गिनती और ट्रैकिंग संभव होगी। इसके अलावा 300 सीसीटीवी कैमरों से मेले की निगरानी की जाएगी। सुरक्षा के लिए 800 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जिनमें 100 सिविल ड्रेस में रहेंगे।
प्रशासन ने मेले के लिए पांच मार्गों को चिह्नित किया है—जीणमाता से रैवासा रोड, दांतारामगढ़ से जीणमाता, कोछोर से जीणमाता, खूड़ से जीणमाता और हर्षनाथ से जीणमाता। इन मार्गों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे, जिससे जाम की समस्या न हो। मेला परिसर और मंदिर क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद रहेगी। जीणमाता-कोछोर, दांतारामगढ़-जीणमाता और जीणमाता-गोरियां रोड पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
इस बार श्रद्धालुओं को गर्मी से राहत देने के लिए मंदिर परिसर में टीन शेड से मंदिर तक मिस्ट स्प्रिंकलर लगाए गए हैं। जीणमाता मंदिर ट्रस्ट ने यह सुविधा पहली बार उपलब्ध कराई है। इसके अलावा बिजली के पोल पर क्रम संख्या अंकित की गई है, जिससे श्रद्धालुओं को अपनी लोकेशन का पता चल सके। बत्तीसी संघ भी इस बार मेले में शामिल होगा। बाना परंपरा के लिए पुजारी परिवार ने तैयारियां पूरी कर ली हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / अखिल