संघ ने लिया समरस समाज के निर्माण का संकल्प


गोरखपुर, 30 मार्च (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष की अपनी यात्रा में संघ ने दैनिक शाखा द्वारा अर्जित संस्कारों से समाज का अटूट विश्वास और स्नेह प्राप्त किया है। संघ शताब्दी वर्ष की यात्रा में संघ के स्वयंसेवकों ने प्रेम और आत्मीयता के बल पर मान-अपमान और राग-द्वेष से ऊपर उठकर सबको साथ लेकर चलने का प्रयास किया है।।संघ कार्य के शताब्दी वर्ष के अवसर पर संघ ने समरस और संगठित हिन्दू समाज के निर्माण का दृढ़ संकल्प लिया है।। उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गोरक्ष प्रांत के प्रांत संघचालक डॉ महेंद्र अग्रवाल ने बेंगलुरु में हुए अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के संदर्भ में विश्व संवाद केंद्र गोरखपुर पर आयोजित प्रेस वार्ता में कही।
उन्होंने प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि वर्ष 2024-25 में गोरक्ष प्रांत में 8 फरवरी से 15 फरवरी 2025 प्रांत में अल्पकालिक विस्तारक मंडल प्रवास योजना का कार्यान्वयन हुआ।। जिला अनुसार सूची बनी।। खंड, नगर के अनुसार दक्षता वर्ग दो चरणों में लगाए गए। शाखा, मिलन, शाखा टोली निर्माण व उनके कार्य, पंच परिवर्तन के लिए जागरण टोली तथा विद्यार्थी, सज्जन शक्ति एवं कृषक बैठकों में किन विषयों पऱ चर्चा करना है इसका प्रशिक्षण हुआ। विस्तारक को पुनः प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया एवं शाखा दिग्दर्शिका और अन्य उपयोगी साहित्य दिया गया।पूरे प्रांत में जागरण पत्रिका द्वारा समाज जागरण करने हेतु 60,000 पते एकत्रित हुए है।। 160 बंद शाखाएं पुनः शुरू हुई तथा 234 नई शाखा एवं 198 नए मिलन प्रारंभ हुए है। 1054 कार्यकर्ता 1054 मंडलों के अंतर्गत 6286 गाँवो में रुककर प्रवास किए तथा 331 कार्यकर्ता 6 घंटे तक नगरों के 1095 मुहल्लों में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से संपर्क किया।। 2327 विद्यार्थी बैठकें, 1967 कृषक बंधुओं की बैठकें, 3701 सज्जन शक्ति की बैठकें, कुल 7995 बैठकें हुई।। 1,99,875 समाज के बंधुओं ने सहभाग किया । प्रांत में 1864 शाखा से बढाकर 2258 शाखा, एवं 276 मिलन से बढाकर 496 मिलन हुए है।।गोरक्ष प्रांत में कुल 10 शासकीय जिला सम्मिलित है जिसको संघ दृष्टिकोण में 6 विभागों को 19 जिले और 2 भागो में बांटा गया है।। दो भाग जिसमें कुल 20 नगर है और सभी नगर शाखा युक्त है वहीं 20 नगरों में कुल 187 बस्तियां है जिनमें से 151 बस्ती शाखा युक्त
और 33 बस्ती मिलन युक्त है।। 19 जिले में 57 नगर और 147 खंड है जिसमें सभी नगर और खंड शाखा युक्त है।।इन 57 नगरों में कुल 468 बस्ती है जिसमें से 362 बस्ती शाखा युक्त,70 बस्ती मिलन युक्त और 2 बस्ती मंडली युक्त है।।वही 147 खंड में कुल 1492 मंडल।है जिसमें से 1266 मंडल शाखा युक्त,154 मंडल मिलन युक्त है।।
22-23 फरवरी 2025 को विशेष रूप से सरहद ग्राम प्रवास योजना के तहत सिद्धार्थनगर और महाराजगंज में 33 न्याय पंचायतों के सीमावर्ती 231 ग्राम पंचायतों में पूरे प्रांत के लगभग 491 प्रवासी कार्यकर्ताओं ने प्रवास किया।।इस दौरान सज्जन शक्ति ,युवा शक्ति की बैठक हुई।सीमावर्ती गांवों की सामाजिक सर्वेक्षण और समाजिक समस्याओं का अध्ययन किया गया।।231 ग्राम पंचायतों ने से 120 स्थानों पर शाखा लगाई गई,जिसमें 97 नई शाखा का प्रारंभ हुआ जबकि 23 शाखाएं पहले से चलती थी।।35 ग्रामों में नई मिलन निश्चित किए गए।शेष 76 ग्रामों में ग्राम।सुरक्षा समिति बनाई गई जिसमें 912 जन सम्मिलित हुए।।इस प्रवास योजना के दौरान 662 बैठकें सम्पन्न हुई जिसमें 11916 जन सम्मिलित हुए।।
आगे उन्होंने बताया कि इस बार प्रतिनिधि सभा में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान का स्मरण किया साथ ही भारत की महान स्वतंत्रता सेनानी महारानी अबक्का के जन्म की 500वीं वर्षगांठ के अवसर सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने सम्पूर्ण समाज का आवाहन करते हुए उनके तेजस्वी जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण के महान कार्य में अपना प्रभावी योगदान देने का व्यक्तव्य भी जारी किया।।
सरकार्यवाह ने प्रतिनिधि सभा में कहा कि शताब्दी वर्ष पर संघ देश के कोने-कोने तक पहुंचने में सफल रहा है। संघ न केवल राष्ट्र को एकजुट करने का काम करता है, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान तथा उसके बाद राहत एवं पुनर्वास कार्यों में भी सक्रिय रूप से शामिल रहा है।इस वर्ष विजयादशमी के दिन संघ के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। जैसा कि पहले बताया जा चुका है, आने वाला वर्ष संघ कार्य के विस्तार तथा सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित होगा। संघ का उद्देश्य इस उपलब्धि का उत्सव मनाना नहीं है, बल्कि 1). आत्मचिंतन करना, 2). संघ कार्य के लिए समाज द्वारा दिए समर्थन के लिए आभार प्रकट करना तथा 3). राष्ट्र के लिए तथा समाज को संगठित करने के लिए स्वयं को पुनः समर्पित करना है। शताब्दी वर्ष में हम अधिक सावधानी, गुणवत्ता तथा व्यापकता से कार्य करने का संकल्प लेते हैं।
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने देश भर से आए 1443 प्रतिनिधियों द्वारा बांग्लादेश के हिन्दू समाज के साथ एकजुटता से खड़े होने का आवाह्न करते हुए प्रस्ताव भी पारित किया गया।।
शताब्दी वर्ष पर होने वाले कार्यक्रम:
संघ शताब्दी वर्ष निमित्त कार्यक्रम (विजयादशमी 2025 से विजयादशमी 2026)
1- शताब्दी वर्ष की शुरुआत विजयादशमी 2025 के अवसर पर होगी,जिसमें गणवेश में स्वयंसेवकों द्वारा कार्यक्रम आयोजित होंगे।।02 अक्टूबर से 10 अक्टूबर 2025 मंडल स्तर(न्याय पंचायत स्तर)/बस्ती (मुहल्ले स्तर) पर एकत्रीकरण (खंड/नगर स्तर पर पथ संचलन)
2- बड़े पैमाने पर घर घर संपर्क अभियान योजना बनाई गई है। 02 नवंबर 2025 से 2 दिसंबर 2025 व्यापक गृह सम्पर्क
(हर गांव,हर बस्ती,हर घर सम्पर्क) होगा।।
संघ का साहित्य घर-घर तक पहुंचाना
3- 14 दिसंबर 2025 से 11 जनवरी 2026 तक
हिंदू-सम्मेलन
मण्डल(न्याय पंचायत) बस्ती स्तर व्यापक हिन्दू सम्मेलन
अथवा खंड/नगर स्तर पर हिंदू सम्मेलन का आयोजन होगा जिनसे बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक के जीवन में एकता और सद्भाव,राष्ट्र के विकास में सभी का योगदान और पंच परिवर्तन में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी का संदेश दिया जाएगा।।
4- 01 फरवरी 2026 से 28 फरवरी 2026
सामाजिक सद्भाव बैठक
प्रत्येक खण्ड/नगर स्तर पर की जाएगी,जिसमें एक साथ मिलकर रहने पर बल दिया जाएगा।।इन बैठकों का उद्देश्य सांस्कृतिक आधार और हिन्दू चरित्र को खोए बिना आधुनिक जीवन का संदेश देना होगा।।
5- 20 मार्च 2026 से 15 अप्रैल 2026 तक
प्रत्येक जिला केंद्रों पर
नागरिक संवाद (नागरिक-गोष्ठी) का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में राष्ट्रीय विषयों पर सही विमर्श स्थापित करने और आज प्रचलित गलत विमर्श को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।।
6- 20 अगस्त 2026 से 15 सितंबर 2026
युवाओं के कार्यक्रम
जिला स्तर पर युवाओं के एकत्रीकरण(संस्था एवं समूह के अनुसार युवा संवाद) किया जायेगा। युवाओं के लिए राष्ट्र निर्माण,सेवा गतिविधियों और पंच परिवर्तन पर केंद्रित कार्यक्रम किए जाएंगे।।
7- सभी आयु-वर्गों के लिए अधिकतम स्थानों पर शाखा 27 सितम्बर 2026 से 4 अक्टूबर 2026 तक
प्रेस वार्ता के दौरान प्रांत प्रचार प्रमुख सुशील , विश्व संवाद केंद्र प्रभारी प्रमोद , प्रचार टोली सदस्य रूपेश,पुनीत आदि उपस्थित रहे।।
हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय