गायत्री मंत्र और योग का संगम, अभ्यर्थियों ने लिया निरोगी जीवन का संकल्प

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गायत्री मंत्र और योग का संगम, अभ्यर्थियों ने लिया निरोगी जीवन का संकल्प


गायत्री मंत्र और योग का संगम, अभ्यर्थियों ने लिया निरोगी जीवन का संकल्प

मीरजापुर, 26 मार्च (हि.स.)। नगर के गणेशगंज स्थित केबीपीजी कॉलेज के बीएड विभाग में बीएड अभ्यर्थियों के लिए पांच दिवसीय योग विशेष कार्यशाला का भव्य शुभारंभ बुधवार को हुआ। कार्यक्रम में राष्ट्रीय योगासन जज एवं योग गुरु योगी ज्वाला सिंह ने अभ्यर्थियों को योग की महत्ता से अवगत कराते हुए, गायत्री मंत्र एवं वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ कार्यशाला का प्रारंभ किया।

योग गुरु योगी ज्वाला सिंह ने पहले दिन प्रतिभागियों को योग के मूल सिद्धांतों, नियमों और लाभों की जानकारी दी। उन्होंने हल्के सूक्ष्म व्यायाम और विभिन्न योगासन का अभ्यास कराते हुए बताया कि नियमित रूप से किए जाने वाले हाथ-पैरों के व्यायाम से उंगलियों, पंजों, कलाई, कोहनी, कंधे और जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। साथ ही, गठिया, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस एवं फ्रोजन शोल्डर जैसी समस्याओं में भी लाभकारी सिद्ध होता है। इस अवसर पर प्रोफेसर डॉ. भानु प्रसाद, डॉ. प्रभुनाथ यादव, डॉ. अमन सहित बीएड अभ्यर्थी कलश गुप्ता, सना फातिमा, ज्योति मौर्य, प्रगति अग्रहरि, अनिल कुमार, अजय गौतम, अर्पित तिवारी, अगस्त मुनि, नीतिश सिंह, नैन्सी आदि उपस्थित रहे।

योग को आत्मसात करना जरूरी - विभागाध्यक्ष

कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डॉ. भवभूति मिश्रा ने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में नियमित रूप से योग और प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए। स्वस्थ और निरोगी जीवन के लिए योग को अपनाना अनिवार्य है।

योग भारत की अमूल्य विरासत

मोहन शुक्ल ने कहा कि योग भारत की प्राचीन विरासत है और इसे अपनाने से ही मनुष्य का जीवन स्वस्थ एवं समृद्ध हो सकता है। उन्होंने सभी को योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने की प्रेरणा दी।

हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा

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