नव संवत्सर की पूर्व संध्या पर गंगा तट पर जगमगाए 1001 दीप, श्रद्धालुओं ने की मंगलकामनाएं

वाराणसी। दशाश्वमेध घाट पर नव संवत्सर की पूर्व संध्या पर आस्था और उल्लास का अनूठा संगम देखने को मिला। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मां गंगा की आरती में शामिल होकर देश की प्रगति और सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। मंत्रोच्चारण, शंखध्वनि और घंटे-घड़ियाल की गूंज से संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो उठा।
गंगा सेवा निधि द्वारा विशेष रूप से 1001 दीप जलाकर मां गंगा के तट पर "नव संवत्सर की शुभकामनाएं" लिखी गईं। इस अनूठी पहल के माध्यम से देशवासियों के उज्जवल भविष्य और मंगलमय जीवन की कामना की गई। घाट पर जलते दीपों की अविस्मरणीय छटा श्रद्धालुओं के मन को आस्था और भक्ति से भर रही थी।
इस भव्य आयोजन में गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा, कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी, सचिव हनुमान यादव समेत सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे। मां गंगा की आरती के दौरान भक्तों ने सामूहिक रूप से नव संवत्सर के स्वागत में प्रार्थनाएं कीं और दीप प्रज्वलन कर वातावरण को और भी आध्यात्मिक बना दिया।