गुरुग्राम: राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता का विद्यार्थियों ने किया जीवंत प्रस्तुतिकरण

-इस राष्ट्रीय युवा प्रतियोगिता में 55 छात्रों ने भाग लिया
-सांसद धर्मवीर सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में की शिरकत
गुरुग्राम, 24 मार्च (हि.स.)। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के गुरुग्राम स्थित सेंटर फॉर प्रोफेशनल एंड एलाइड स्टडीज (सीपीएएस) द्वारा भारत सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय के तत्वावधान में 17वीं राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों को संसदीय प्रक्रियाओं, नीति निर्माण और लोकतांत्रिक प्रणाली की समझ प्रदान करने की उद्देश्य से आयोजित इस प्रतियोगिता में 55 छात्रों ने भाग लिया और अपने उत्कृष्ट वाद-विवाद और नीति निर्माण कौशल का प्रदर्शन किया।
मुख्य अतिथि के रूप में भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद धर्मवीर सिंह ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने की। एमडीयू-सीपीएएस के निदेशक प्रो. प्रदीप अहलावत ने सभी गणमान्य अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। प्रतियोगिता की शुरुआत नवनिर्वाचित युवा सांसदों द्वारा शपथ ग्रहण समारोह से हुई। इसके बाद, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जिसमें उनके आर्थिक सुधारों और शासन में योगदान को स्मरण किया गया। युवा सांसदों द्वारा संसद सत्र के दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण विधेयक प्रस्तुत किए गए।
युवा संसद के प्रश्नकाल में विपक्षी सांसदों ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कई ज्वलंत मुद्दों पर जवाब मांगे। इस दौरान विपक्ष ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर तीखी बहस हुई। विपक्ष ने सरकार से जवाब मांगते हुए शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की। विपक्षी सांसद योगेश ने स्वास्थ्य बीमा पर 18त्न जीएसटी को गरीब और मध्यम वर्ग पर अतिरिक्त आर्थिक भार बताते हुए इसे न्यूनतम करने की मांग उठाई। मिनी ने रेलवे स्टेशनों पर अव्यवस्था और भीड़ प्रबंधन की विफलता का मुद्दा उठाया, जिस पर रेलवे मंत्री वंदिता ने रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख किया। विपक्षी सदस्य प्रिया ने बढ़ती बेरोजगारी और युवाओं के लिए अपर्याप्त कौशल विकास योजनाओं पर सवाल उठाए। वित्त मंत्री निधि ने आर्थिक नीतियों का बचाव करते हुए कहा कि सरकार युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर सृजित करने हेतु कई योजनाएं चला रही है। वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए कर नीतियों में संतुलन आवश्यक है।
प्रधानमंत्री राहुल ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए सरकारी योजनाओं का पक्ष रखा और कहा कि सरकार इन समस्याओं के समाधान के लिए गंभीरता से कार्य कर रही है। विधि संकाय के छात्र मोनू झा ने बिहार में आई बाढ़ की भयावह स्थिति पर मैथिली भाषा में मुद्दा उठाया, जिससे पूरे सदन में गंभीर माहौल बन गया और दर्शकों ने जोरदार तालियों के साथ उनके तर्कों का समर्थन किया। इस प्रतियोगिता में जया दबास (स्पीकर), राहुल चाहर, वंदिता, अर्शी, मोनू झा एवं प्रथम को सर्वश्रेष्ठ वक्ता के रूप में चुना गया। मंच संचालन डॉ. सुनील देवी खरब एवं डॉ. कविता दहिया द्वारा किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर