भारतीय नववर्ष पर अयोध्या में प्रभु श्रीराम का दर्शन करने परिवार के साथ देशवासी आएं : आचार्य मिथिलेश नंदनी शरण

लखनऊ, 29 मार्च (हि. स.)। नव वर्ष चेतना समिति की ओर से भातखंडे के कला मंडपम में आयोजित भारतीय नववर्ष कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अयोध्या की सिद्धपीठ श्री हनुमन्नवास के पीठाधीश्वर अनंत श्री विभूषित आचार्य मिथिलेश नंदनी शरण ने कहा कि भारतीय नववर्ष पूरे जगत में धूमधाम से मनाया जाना चाहिए। वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित नववर्ष का संचार देश के हर व्यक्ति में पहुंचाने के लिए समय-समय पर विभिन्न तरह के कार्यक्रमों की आवश्यकता है। हम सभी को तब और अच्छा लगेगा जब भारतीय नववर्ष पर अयोध्या जी का दर्शन करने परिवार के साथ देशवासी आएं।
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आचार्य मिथिलेश नंदनी शरण ने कहा कि भारतीय नववर्ष प्रकृति विज्ञान व देश काल के विज्ञान पर आधारित है कि किस प्रकार सूर्य की गति से और देश काल की सापेक्षता से जीवन आगे बढ़ता है। समय की यात्रा करती हुई प्रकृति किस तरह पुनर्नवा होकर स्वयं को नवीन करती हुई जीवन का पोषण करती है। भारतीय नववर्ष का शुभारम्भ बसंत से होता है जो हमारे चक्रों की पहली ऋतु है और जो मधु के द्वारा जीवन का जगत का पोषण करती है तो इसका आयोजन करने वाले सभी लोगों को साधुवाद और शुभकामनाएं देता हूँ, वह साधुवाद के पात्र हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और पद्मश्री हृदय नारायण दीक्षित ने नव संवत्सर पर अपनी बातों को रखते हुए नौजवानों को एक दीपक अवश्य जलाने और यह नव वर्ष अपना बताकर मनाने की अपील की।
विशिष्ट अतिथि रहे प्रचारक रामाशीष कहा कि जीवट के हैं आप लोग। पिछले कई वर्ष से लगातार यह भारतीय तिथि पर ऐसा आयोजन करना प्रेरणादाई है। जो विषय विज्ञान पर आधारित है वह समाज से अछूता नहीं रहना चाहिए। वर्तमान में आवश्यक हो गया है कि नागरिक प्रकृति के करीब रहें और वैज्ञानिक आधारित जीवन जीएं।
कार्यक्रम में हुए अतिथियों का स्वागत समिति के अध्यक्ष डॉ. गिरीश गुप्ता और मंच संचालन समिति के मंत्री डॉ. सुनील कुमार अग्रवाल द्वारा किया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र