शिक्षा के साथ संस्कार और अनुशासन महत्वपूर्ण : सत्येन्द्र सिंह

-विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को किया गया पुरस्कृत
कानपुर, 22 मार्च (हि.स.)। शिक्षा के साथ संस्कार और अनुशासन महत्वपूर्ण है। मानवीय गुणों को आत्मसात करने से ही व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होता है। छात्र-छात्राएं अपने माता-पिता तथा गुरू का सदा सम्मान करें। उनके आशीर्वाद से निरन्तर उन्नति को प्राप्त करते जायेंगे। यह बातें शनिवार को बीएनएसडी शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्येन्द्र सिंह ने कही।
बेनाझाबर स्थित बीएनएसडी शिक्षा निकेतन इण्टर कॉलेज में वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत न्यायाधीश अखिलेश कुमार तिवारी एवं विशिष्ट अतिथि पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्येन्द्र सिंह द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं के 125 से अधिक विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। उन्होंने विद्यालय की सराहना करते हुए कहा कि इस विद्यालय के विद्यार्थी भारतीय संस्कृति एवं परम्पराओं को समाज में स्थापित कर अच्छे समाज का निर्माण करेंगे। विद्यालय ही नहीं देश का भी गौरव बढ़ायेंगे। विद्यार्थियों को सदैव अपने लक्ष्य पर फोकस करना चाहिए, लक्ष्य तय करने से पहले भली भांति विचार करना चाहिए और फिर लक्ष्य प्राप्त करने के लिए जी-जान से जुट जाना चाहिए।
विद्यालय के अध्यक्ष पं. रमाकान्त मिश्र ने अपने सम्बोधन में कहा कि छात्रों को सदैव अनुशासन मे रहना चाहिए। अनुशासन सफलता का मूल मंत्र है। छात्र-छात्राओं पर माता-पिता व गुरुजनों का प्रभाव जीवन पर्यन्त रहता है। अतः सभी माता-पिता एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं को आदर्शवादी व्यवहार करना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप