वाराणसी में अब मच्छरों की रफ़्तार पर लगेगा ब्रेक, कोल्ड फागिंग का हुआ ट्रायल

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वाराणसी में अब मच्छरों की रफ़्तार पर लगेगा ब्रेक, कोल्ड फागिंग का हुआ ट्रायल


—धुआं रहित होने से प्रदूषण भी नहीं होगा, मानव स्वास्थ्य पर नहीं पड़ेगा कोई दुष्प्रभाव

वाराणसी,20 मार्च (हि.स.)। संचारी रोगों की रोकथाम और जानलेवा मच्छरों पर नियंत्रण के लिए गुरूवार को कोल्ड फागिंग का ट्रायल किया गया। वाराणसी नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में कोल्ड फागिंग से मच्छरों की रफ्तार पर ब्रेक लगेगी। नगर निगम के अफसरों के अनुसार कोल्ड फागिंग तकनीक में डीजल की जगह मशीन में पानी का इस्तेमाल किया जाता है। थर्मल फागिंग में जहां डीजल का प्रयोग कीटनाशक के साथ धुआं बनाने के लिए किया जाता है, वहीं कोल्ड फागिंग में कीटनाशक का प्रयोग पानी के साथ किया जाता है। कोल्ड फागिंग में धुएं की जगह मिस्ट बनते हैं। इस नवोन्मेष से मच्छर जनित बीमारियों पर नियंत्रण व बचाव किया जा सकेगा।

नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि इस नव तकनीक को कुछ संवेदनशील वार्डो में प्रथम स्तर प्रयोग किया जाएगा।

जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद पाण्डेय ने बताया कि इस प्रयोग के लिए डेल्टामेथ्रिन 2फीसद ईडब्ल्यू का प्रयोग पानी में मिलाकर किया जाता है। आने वाले समय में इसका प्रयोग चिकित्सालयों में किया जायेगा। संक्रमण काल में हाट स्पाट क्षेत्रों में डेंगू, केस के सापेक्ष निरोधात्मक कार्यवाही में भी इसका प्रयोग किया जाएगा। प्रयोग सफल होने पर वार्डों में भी इसका प्रयोग किया जाएगा। धुआं रहित होने से मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव भी नहीं पड़ेगा। ट्रायल के दौरान नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त सविता यादव , जोनल स्वास्थ्य अधिकारी आदि भी मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

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