बिजयनगर छात्राओं से दुष्कर्म व धर्मांतरण मामले में सीबीआई जांच की मांग पर बाजार रहे बंद

एसआईटी की कमान आईपीएस को सौंपी
अजमेर, 22 मार्च(हि.स)। ब्यावर जिले के बिजयनगर कस्बे में स्कूली छात्राओं के साथ समुदाय विशेष के युवकों द्वारा ब्लैकमेल कर दुष्कर्म करने और फिर धर्म परिवर्तन कराने को प्रयास करने के मामले में पिछले एक माह से अधिक समय से जारी आक्रोश शनिवार को एक बार फिर सड़कों पर दिखाई दिया। बिजयनगर के लोग मामले में एसआईटी की जांच से असंतुष्ट नगर आए। साथ ही इस मामले में पुलिस की अब तक की कार्रवाई पर भी लोगों को बहुत ज्यादा भरोसा दिखाई नहीं दिया। लोगों ने सर्व समाज संघर्ष समिति के बैनर तले बिजयनगर बंद का आह्वान कर पैदल मार्च निकाला और इस मामले में जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की।
हिन्दू संगठनों की ओर से मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग पर पुलिस महानिरीक्षक अजमेर रेंज ओम प्रकाश ने सर्तकता दर्शाते हुए एसआईटी जांच अधिकारी बदल दिया। पूर्व में मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभय कमांड सेंटर नेम सिंह को सौंपी गई थी। अब आईपीएस अभिषेक अंदासु को मामले की जांच सौंपी गई है। इस मामले में सीओ सज्जन सिंह और थानाधिकारी करण सिंह लगातार मामले में जांच कर रहे हैं। इस मामले में अभी तक करीब 16 आरोपिताें को पकड़ा गया है जिनमें 5 नाबालिग शामिल है। सभी व्यस्क 11 आरोपिताें को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जा चुका है। पांच नाबालिग आरोपित निरुद्ध है जिन्हें किशोर सुधार केंद्र भेजा गया है।
15 फरवरी को मामला हुआ था उजागर...
मामला बिजयनगर पुलिस के समक्ष 15 फरवरी को आया था जब 3 पीड़िताओं के परिवारजन ने पुलिस के समक्ष उपस्थित होकर समुदाय विशेष के युवकों पर उनकी बच्चियों को ब्लैकमेल कर दुष्कर्म करने और उन पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया था।
अब तक पड़े गए आरोपित.....
बिजयनगर मामले में अब तक रेहान, सोहेल मंसूरी, लुकमान, अफराज, कैफे संचालक श्रवण जाट, आशिक, करीम, पूर्व पार्षद हकीम कुरैशी, जावेद, कैफे संचालक अन्य सांवरमल, व अमान मंसूरी शामिल है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष