पुष्कर तालाब को बचाने के लिए बटुकों ने बनाई मानव श्रृंखला, तालाब संरक्षण का संकल्प

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पुष्कर तालाब को बचाने के लिए बटुकों ने बनाई मानव श्रृंखला, तालाब संरक्षण का संकल्प


वाराणसी, 22 मार्च (हि.स.)। विश्व जल दिवस के अवसर पर शनिवार शाम को अस्सी स्थित पुष्कर तालाब पर वेद पाठी बटुकों ने मानव श्रृंखला बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मां गंगा, असि और वरूणा नदियों को बचाने की अपील की। यह कार्यक्रम जागृति फाउंडेशन और ब्रह्मा वेद विद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस मानव श्रृंखला में वेद पाठी बटुकों ने एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर तालाब के संरक्षण का संकल्प लिया। वेद मंत्रों के साथ बटुकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए स्वस्थ और यशस्वी होने की कामना भी की।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. जयप्रकाश मिश्र, विशिष्ट अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता जयराम मिश्र और भूजल संरक्षण अभियान के प्रमुख अशोक सिंह, सोनू दूबे तथा फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने उपस्थित बटुकों को जल के महत्व के बारे में बताया। वक्ताओं ने कहा कि काशी को कभी 'आनंद कानन वन' के नाम से जाना जाता था, जहाँ कुंडों और तालाबों की भरमार थी। लेकिन आज विकास की अंधी दौड़ में नगर के तालाब, कुंड, जंगल और वन समाप्त होते जा रहे हैं। वक्ताओं ने यह भी कहा कि आज इन तालाबों और कुंडों को बचाने की जरूरत है।

वक्ताओं ने यह भी याद दिलाया कि प्राचीन और पौराणिक पुष्कर तालाब, जिसका जल कभी बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए प्रयोग होता था, एक समय में पुष्कर मेला का केंद्र भी था। लेकिन अब यह तालाब समाप्ति के कगार पर खड़ा है। वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस तालाब के सुंदरीकरण के लिए 4.30 करोड़ रुपये भेजे थे, लेकिन सुंदरीकरण के नाम पर इस तालाब के साथ छलावा किया गया है। आधा-अधूरा सुंदरीकरण कर इसे छोड़ दिया गया है, जिसके कारण तालाब की सीढ़ियाँ जगह-जगह से उखड़ने लगी हैं और दीवारें गिर रही हैं। कार्यक्रम में तालाबों और कुंडों के संरक्षण की आवश्यकता को लेकर एकजुटता का संदेश दिया गया ।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

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