देसी और वैरायटी खीरा की कैसे करें पहचान, यहां जानें अंतर करने के तरीके

गर्मियों का मौसम आते ही हम ठंडी और पानी से भरपूर चीजों का ज्यादा सेवन करने लगते हैं। ऐसे में इस सीजन में खीरा खाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके सेवन से शरीर को ठंडक मिलती है और शरीर में पानी की कमी भी नहीं होती है। खीरा गर्मी के मौसम में शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ पाचन को दुरुस्त रखता है, स्किन को ग्लोइंग बनाता है और वेट लॉस में भी मदद करता है। आजकल मार्केट में सब्जी से लेकर फल सब कुछ हाइब्रिड और देसी दो तरह के मिल रहे हैं। ऐसे में बिना केमिकल वाले देसी फल और सब्जियां सेहत के लिए अच्छे होते हैं।
इन तरीकों से करें देसी और वैरायटी खीरे की पहचान
देसी खीरे की सतह थोड़ी दानेदार होती है। जबकि हाइब्रिड खीरा एकदम चिकना होता है।
ज्यादा पतला खीरा हाइब्रिड होता है। वहीं हल्का मोटा खीरा देसी खीरा होता है।
देसी खीरे का रंग हल्का हरा होता है। वहीं हाइब्रिड खीरा एकदम डार्क हरे रंग का होता है।
वैरायटी खीरे के अंदर बीज नहीं होते हैं और देसी खीरे में आपको बीज मिलेंगे।
देसी खीरे का वजन वैरायटी खीरे की तुलना में थोड़ा भारी होता है।
वैसे तो अधिकतर हर खीरे में ऊपर की साइड जहर निकलता है, लेकिन हाइब्रिड खीरे में जहर बिल्कुल नहीं निकलता है।
कौन-सा खीरा है फायदेमंद?
आजकल बाजार में आपको हाइब्रिड खीरा ज्यादा बिकते हुए मिल जाएगा। वहीं, देसी खीरा हाइब्रिड की तुलना में सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है। दरअसल, देसी खीरा प्राकृतिक तरीके से उगाया जाता है।वहीं, हाइब्रिड खीरे को केमिकल से पकाया जाता है।