शिक्षक महासंघ ने पारदर्शी स्थानांतरण नीति की मांग कीश, समस्याओं का समाधान न होने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी

जम्मू, 22 मार्च (हि.स.)। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने सरकार से शिक्षा विभाग में पारदर्शी स्थानांतरण नीति लागू करने का आह्वान किया है ताकि जम्मू-कश्मीर में शिक्षकों की नियुक्ति में निष्पक्षता और दक्षता सुनिश्चित की जा सके। रामबन में आयोजित एक बैठक के दौरान महासंघ की रामबन जिला इकाई के अध्यक्ष विप्पन शर्मा ने शिक्षा क्षेत्र में प्रमुख चुनौतियों का समाधान करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के रिक्त पदों को तत्काल भरने की मांग की। इसके अतिरिक्त उन्होंने नौकरी की सुरक्षा और सुचारू कैरियर प्रगति सुनिश्चित करने के लिए पदोन्नति के समय सभी संवर्गों को नियमित करने का आह्वान किया।
महासंघ ने शिक्षकों को अतिरिक्त शैक्षणिक कर्तव्यों से मुक्त करने की अपनी मांग को दृढ़ता से दोहराया और तर्क दिया कि इस तरह के कार्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में बाधा डालते हैं और शैक्षणिक कार्यक्रम को बाधित करते हैं। सदस्यों ने चिंता व्यक्त की कि शिक्षा विभाग के पिछले आश्वासनों के बावजूद, शिक्षकों पर गैर-शिक्षण कार्यों का बोझ बना हुआ है।
बैठक में सरकार की अपनी पारदर्शी स्थानांतरण नीति को लागू करने में विफलता की भी आलोचना की गई जिसके कारण अनावश्यक देरी हुई, शिक्षकों को कठिनाई हुई और छात्रों के लिए शैक्षणिक व्यवधान उत्पन्न हुए। वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि अनियमित स्थानांतरण दूरदराज के क्षेत्रों में शिक्षकों को असंगत रूप से प्रभावित करते हैं जिससे कर्मचारियों की लगातार कमी होती है और ग्रामीण संस्थानों में छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त फेडरेशन ने स्कूलों में खराब बुनियादी ढांचे पर चिंता जताई, बुनियादी सुविधाओं, उचित कक्षाओं और आवश्यक शिक्षण सहायक सामग्री की कमी को उजागर किया। इसने सरकार से स्कूल के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया ताकि छात्रों को अच्छी तरह से सुसज्जित वातावरण में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा