विधानसभा में चिनाब नदी पर पक्के बांध, कंडी नहर और अखनूर को जिला का दर्जा देने की मांग उठी

जम्मू, 22 मार्च (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर विधानसभा के जारी बजट सत्र के दौरान अखनूर के विधायक मोहन लाल भगत ने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग से जुड़े अहम मुद्दे जोरदार तरीके से उठाए। उन्होंने अखनूर के स्टील ब्रिज से लेकर हमीरपुर कोना तक, 21 किलोमीटर के दायरे में चिनाब नदी के किनारे पक्के बांध के निर्माण की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो सितरयाला, सीके पुर, मैरा, चक सिकंदर और इंद्री जैसे गांव बढ़ते जल स्तर के कारण बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। उन्होंने कहा, हर साल करोड़ों रुपये अस्थायी सुरक्षा कार्यों पर खर्च किए जाते हैं। सरकार को चाहिए कि एक बार में स्थायी समाधान के रूप में स्टील ब्रिज से हमीरपुर कोना तक चिनाब नदी के किनारे पक्के बांध का निर्माण करवाए, जिससे किसानों की सैकड़ों कनाल भूमि सुरक्षित हो सके।
इसके साथ ही, विधायक भगत ने अखनूर में लंबे समय से लंबित कंडी नहर परियोजना के लिए धन आवंटित करने की भी मांग की, जो क्षेत्र की दर्जनों कांडी बस्तियों की सिंचाई जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना वित्तीय कमी के कारण अब तक अधूरी पड़ी है, जबकि इसका पूरा होना यहां की कृषि व्यवस्था के लिए वरदान साबित हो सकता है।
विधायक ने क्षेत्र में मौजूदा लिफ्ट सिंचाई योजनाओं के उन्नयन की जरूरत पर भी जोर दिया, विशेष रूप से बलगाड़ा सिंचाई योजना और अम्बारां सिंचाई योजना को लेकर, ताकि किसानों को पर्याप्त पानी की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
जल संरक्षण और पर्यावरण संतुलन को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने सुमाह, गंडारवां और पंजगराई नालों/खड्डों पर चेक डैम के निर्माण की मांग उठाई। उन्होंने कहा, इन चेक डैम के बनने से जलस्तर बढ़ेगा, प्राकृतिक सौंदर्य में निखार आएगा और क्षेत्र में वनस्पति और जीव-जंतुओं की वृद्धि होगी। इसके अलावा, इस पानी का उपयोग सिंचाई और अन्य जरूरतों के लिए भी किया जा सकेगा।
उन्होंने न्यू प्रताप नहर की विभिन्न वितरिकाओं, माइनर्स और सब-माइनर की समय-समय पर सफाई की आवश्यकता को भी रेखांकित किया, ताकि सिंचाई व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके और किसानों को पर्याप्त पानी मिल सके।
अंत में, मोहन लाल भगत ने अखनूर को जिला दर्जा देने की पुरजोर मांग की। उन्होंने कहा, अखनूर में आज तीन सब-डिवीजन, सात तहसीलें और तीन नगरपालिकाएं हैं, जिनकी आबादी और क्षेत्रफल कई मौजूदा जिलों से अधिक है। सरकार को चाहिए कि क्षेत्र की बढ़ती प्रशासनिक जरूरतों को देखते हुए अखनूर को जिला का दर्जा दिया जाए।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा