यमुनानगर: किसानों ने दादूपुर-नलवी नहर को पाटने का काम किया शुरू

यमुनानगर, 22 मार्च (हि.स.)। दादूपुर-नलवी नहर डी नोटिफाई मामले में उच्च न्यायालय के फैसले के बाद सरकार ने किसानों को पैसे वापस जमा कर नहर की अधीकृत जमीन को वापस करने का निर्णय लिया। जिसके तहत कुछ किसानों ने पैसे जमा कराकर जेसीबी से मिट्टी डालकर नहर को खेती के लिए पाटने का काम शुरू किया। वहीं दादूपुर- नलवी संघर्ष समिति ने इसे कोर्ट की अवमानना बताया और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में जाने की बात कही।
शनिवार को गांव सुढैल के नजदीक किसान राजीव ने दादूपुर नलवी नहर की अपनी जमीन पर जेसीबी से मिट्टी पाटकर भरने का कार्य शुरू किया है। उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि सभी किसानों के पास इतना पैसा नहीं है कि वें सरकार की वापस देकर अपनी जमीन ले लें । लेकिन जो पैसे जमाकर अपनी जमीन ले रहें है, वें अब अपनी इस जमीन पर खेती कर सकेंगे।
वहीं दादूपुर नलवी संघर्ष समिति के किसानों का कहना है यह प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा कोर्ट की अवमानना की गई है। इसके खिलाफ वें कोर्ट में जायेंगे। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद अधिकारी जमीन का इंतकाल कैसे कर सकते है। अगर एक दो किसान पैसे जमा करवाकर अपनी जमीन पाटकर नहर को भरते है तो बाकी नहर में बारिश के मौसम में बाढ़ आएगी और गांवों में पानी घुसेगा।
गौरतलब है कि मनोहर सरकार ने सितम्बर 2018 में इस नहर को डी नोटिफाई किया था और किसानों को ब्याज सहित पैसा लेकर जमीन वापस देने का निर्णय लिया था। जिसके खिलाफ संघर्ष समिति उच्च न्यायालय में गई थी और दिसम्बर 2024 में कोर्ट की दो सदस्यों वाली बेंच ने इसे असंवैधानिक करार दिया था और किसानों को अधिक मुआवजा राशि देने का आदेश भी दिया था।
हिन्दुस्थान समाचार / अवतार सिंह चुग