आंध्र प्रदेश और गुजरात समेत पांच राज्यों में 2.46 लाख टन अरहर की खरीद की गई

नई दिल्ली, 27 मार्च (हि.स.)। देश में आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में कुल 2.46 लाख टन तुअर (अरहर) की खरीद की गई है। इससे एक लाख 71 हजार से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं। यह जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां दी।
शिवराज सिंह चौहान ने एक वक्तव्य में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने बजट 2025 में यह भी घोषणा की है कि देश में दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए 2028-29 तक अगले चार वर्षों के लिए राज्य के उत्पादन का शत प्रतिशत तुअर (अरहर), उड़द और मसूर की खरीद की जाएगी। खरीफ 2024-25 सीजन के दौरान मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश राज्यों में तुअर (अरहर) की खरीद को मंजूरी दी है। इसके साथ ही किसानों के हित में कर्नाटक में खरीद अवधि को 90 दिनों से आगे 30 दिन बढ़ाकर 1 मई तक करने को भी मंजूरी दी है।
चौहान ने बताया कि आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में नैफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से एमएसपी पर खरीद जारी है और 25 मार्च 2025 तक इन राज्यों में कुल 2.46 लाख मीट्रिक टन तुअर (अरहर) की खरीद की गई है जिससे इन राज्यों के 1,71,569 किसान लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में तुअर की कीमत वर्तमान में एमएसपी से ऊपर चल रही है।
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केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि भारत सरकार केंद्रीय नोडल एजेंसियों के माध्यम से किसानों से 100 शत प्रतिशत तुअर की खरीद के लिए प्रतिबद्ध है। इसी तरह आरएमएस 2025 के दौरान चना, सरसों और मसूर की खरीद को मंजूरी दी गई है। पीएम-आशा योजना को 2025-26 तक बढ़ाया गया है। इसके तहत किसानों से एमएसपी पर दालों और तिलहनों की खरीद जारी रहेगी। आरएमएस 2025 के लिए चने की कुल स्वीकृत मात्रा 27.99 लाख मीट्रिक टन और सरसों की 28.28 लाख मीट्रिक टन है। प्रमुख राज्यों में राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात शामिल हैं। मसूर की कुल स्वीकृत मात्रा 9.40 लाख मीट्रिक टन है। तमिलनाडु में खोपरा (मिलिंग और बॉल) की खरीद को भी मंजूरी दी गई है। सरकार ने किसानों को पंजीकरण और प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए नैफेड और एनसीसीएफ पोर्टलों का उपयोग सुनिश्चित किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव