तनाव मुक्त जीवन की राह, आत्म-ज्ञान से आएगी नई रोशनी

मीरजापुर, 23(हि.स.)। क्या सच्ची शांति बाहरी दुनिया में है या हमारे भीतर? इसी प्रश्न का उत्तर खोजने के लिए महुवरिया स्थित जीआईसी ग्राउंड में चल रहे 'अलविदा तनाव' शिविर के तीसरे दिन रविवार को आत्म-ज्ञान दिवस मनाया गया।
तनाव मुक्ति विशेषज्ञ ब्रह्माकुमारी पूनम दीदी ने कहा कि हम शरीर नहीं, बल्कि अजर-अमर आत्मा हैं। जब हम अपनी असली पहचान को समझेंगे, तो जीवन तनावमुक्त और सहज हो जाएगा। उनकी प्रेरणादायक वाणी सुनकर पूरा जनसमूह ध्यानमग्न हो गया। जैसे ही मेडिटेशन सत्र शुरू हुआ, उपस्थित लोग गहरी शांति और आत्म-अनुभूति में डूब गए। कुछ क्षणों के लिए हर चिंता और तनाव विलीन हो गए और सभी ने स्वयं को दिव्य आत्मा के रूप में अनुभव किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मड़िहान विधायक रमाशंकर सिंह पटेल, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एचपी सिंह, डॉ. आनंद तिवारी और डॉ. नरेंद्र ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान बीके आरती बहन ने अपनी मधुर आवाज में प्रेरणादायक गीत प्रस्तुत किए, जिससे पूरा माहौल आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा। मंच संचालन बीके प्रदीप ने किया।
तनाव मुक्त जीवन जीने का लिया संकल्प
शिविर में उमड़ी अपार भीड़ ने इसे एक प्रेरणादायक और अनूठा अनुभव बताया। सभी ने नियमित मेडिटेशन करने और तनावमुक्त जीवन जीने का संकल्प लिया। प्रतिभागियों ने कहा कि ‘अलविदा तनाव’ शिविर से मिला आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संदेश उनके जीवन को नई दिशा देगा।
आत्मा की तीन शक्तियां – मन, बुद्धि और संस्कार
पूनम दीदी ने बताया कि आत्मा की तीन प्रमुख शक्तियां होती हैं। मन जो विचार उत्पन्न करता है। बुद्धि जो सही-गलत का निर्णय लेती है। संस्कार जो हमारे कर्मों का परिणाम होते हैं। जब हम अपने दिव्य गुणों को पहचानते हैं, तो जीवन के हर संकट और तनाव स्वतः समाप्त हो जाते हैं। आत्म-ज्ञान का यह दीपक हमें सच्चे सुख और शांति की ओर ले जाता है।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा