शंखनाद के साथ प्रेमभाया महोत्सव का श्रीगणेश

जयपुर, 21 मार्च (हि.स.)। ढूंढाड़ की विरासत का पर्याय बना श्री प्रेमभाया महोत्सव शीतलाष्टमी से शुरू हो गया। इस त्रिदिवसीय भक्ति संगीत समारोह का श्रीगणेश चांदपोल बाजार के जयलाल मुंशी का रास्ता स्थित युगल कुटीर में प्रेमभाया सरकार के पंचामृत अभिषेक के साथ हुआ। विद्वानजनों और भक्तों ने वेद मंत्रोच्चार, शंखनाद और जयकारों के साथ ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक किया। शाम को दीपावली की तरह सजे जयलाल मुंशी का रास्ता में भव्य पांडाल और खुले आसमान के नीचे भक्ति संगीत समारोह प्रारंभ हुआ।
श्री प्रेमभाया सरकार का इस मौके पर फूलों से मनमोहक श्रृंगार किया गया। भक्ति संगीत समारोह में दीपक शर्मा ने रिद्धि सिद्धि रा भरतार नित की लाडू खावै छै, गढ़ गणेश छै नाम बैठ्या मौज उड़ावै छै... गणेश वंदना के साथ कार्यक्रम का मंगलाचरण किया। कुमार गिर्राज ने घनश्याम म्हारा हिवड़ा मं रम जाओ जी घनश्याम..., गोपाल सैन ने नैय्या पार लगाज्यो जी सांवरिया म्हाने भूल बिसर मत जाज्यो....रचना सुनाकर भक्त की भगवान से करुण पुकार को स्वर दिया। गोपाल सिंह राठौड़ और पूजा राठौड़ ने म्हारी लैरा लाग्यो आवै छै यो मुरली हालों श्याम भजन से ठाकुरजी की भक्त वत्सलता का शाब्दिक चित्रण किया। हीना सेन ने ओ रे नन्द बाबा ने खिज्यो रे बैठ कदम की डार कान्हो चीर चुरावै रे..., ईश्वर शरण शास्त्री, तुषार शर्मा, शालिनी शर्मा, कार्तिकेय सहित अन्य भजन प्रवाहकों ने भक्त युगलजी की ढूंढ़ाड़ी भाषा में गाई भक्ति रचनाओं को अपनी आवाज में सुनाकर जयपुर की साढ़े आठ दशक पुरानी विरासत को साकार कर दिया। समाज के सभी क्षेत्रों के आम और खास लोगों ने एक जाजम पर बैठकर भक्ति सरिता में डुबकी लगाई। वहीं, विभिन्न मंदिरों के संतों-महंतों ने आयोजन की गरिमा बढ़ाई। रंग-बिरंगी रोशनी में सजे जय लाल मुंशी का रास्ता में भजन संध्या का दौर पूरी रात चला।
समिति के अध्यक्ष विजय किशोर शर्मा ने बताया कि शनिवार को दिन में विभिन्न महिला मण्डलों की महिलाएं गुणगान करेंगी। रात्रि 8 बजे से संपूर्ण रात्रि पुन: भक्ति संगीत रहेगा ।
23 मार्च को निकलेगा नगर संकीर्तन :
समिति के प्रवक्ता लोकेश शर्मा ने बताया कि 23 मार्च को शाम 7 बजे युगल कुटीर से नगर संकीर्तन निकलेगा। भजन-कीर्तन, नाचते-गाते श्रद्धालु जाट के कुए का रास्ता, गोपीनाथ जी का चौराहा, बारह भाइयों का चौराहा,नाहरगढ़ रोड, चांदपोल बाजार, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया, बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, गोपालजी का रास्ता, लालजी सांड का रास्ता, बोरडी का रास्ता, अजायबघर का रास्ता, खूंटेटों का रास्ता, खेजड़ों का रास्ता, खजाने वालों के रास्ते होते हुए सुबह सात युगल कुटीर पहुंचकर 85 वां श्री प्रेमभाया महोत्सव संपन्न होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश