नवसंवत्सर का होगा भव्य स्वागत,चार दिशाओं में छोड़े जाएंगे अश्व

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नवसंवत्सर का होगा भव्य स्वागत,चार दिशाओं में छोड़े जाएंगे अश्व


जयपुर, 24 मार्च (हि.स.)। भारतीय संस्कृति के पावन पर्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा भारतीय नववर्ष नव संवत्सर -2028 प्रारंभ हो रहा है। इस अवसर पर नवसंवत्सर का भव्य स्वागत किया जाएगा। पाचं दिवसीय नवसंवत्सर उत्सव बड़े ही धूमधाम से जयपुर में आयोजित किया जाएगा।

संस्कृति युवा संस्था के अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा ने बताया कि 27 मार्च से 31 मार्च तक पांच दिवसीय विभिन्न कार्यक्रम नवसंवत्सर उत्सव के रुप में आयोजित किए जाएगे। जिसमें 26 मार्च को नवसंवत्सर के स्वागत के लिए चार अश्व पूर्व,पश्चिम,उत्तर,दक्षिण दिशाओं में छोड़े जाएंगे और नवसंवत्सर का अनूठे तरीके से प्रचार करेंगे। भारतीय संस्कृति और नवसंवत्सर का प्रचार करने के लिये यह श्वेत अश्व जयपुर शहर के सभी मंदिरो में जाएंगे। इनका विधिवत पूजन विद्वानों के सानिध्य में वैदिक रीति से किया जाएगा। इस अवसर पर जयपुर के विभिन्न मंदिरों के संत-महंत उपस्थित रहेंगे।

पण्डित मिश्रा ने बताया कि ये चार अश्व ईशान में खोले के हनुमान मंदिर, पूर्व में गलताजी, आग्नेय में गोनेर मंदिर, दक्षिण में सांगा बाबा, नैऋत्य में स्वामी नारायण मंदिर, पश्चिम में हाथोज हनुमान जी, वायव्य में कदम्ब डूंगरी व उत्तर में आमेर काले हनुमान मंदिर तक जाएंगे और नवसंवत्सर का अनूठे तरीके से प्रचार-प्रसार करेगें। इनके साथ में समिति के कार्यकर्ता पम्पलेट बांटते हुये चलेंगे और विशेषकर युवाओं से आग्रह करेंगे कि भारतीय नव संवत्सर को धूमधाम से आयोजित करें। अश्व छोडने की परम्परा भारतीय संस्कृति में हजारों वर्षों से चली आ रही है जो कि राजा लोग अपने साम्राज्य के विस्तार के लिये छोडते थे लेकिन इस बार अश्व नव संवत्सर के प्रचार-प्रसार के लिये छोडे जा रहें है। इस बहाने युवाओं में कौतूहल एवं जाग्रति आएगी।

नव संवत्सर के पावन अवसर पर जयपुर के प्रमुख मंदिरों में घंटे-घडियाल बजाकर नवभोर का स्वागत होगा एवं शाम को गोविन्ददेव जी के मंदिर में महाआरती का आयोजन किया जाएगा। पंडित मिश्रा ने बताया कि पाश्चात्य संस्कृति के हिसाब से नववर्ष 1 जनवरी को मनाया जाता है लेकिन युवा वर्ग को अपने संस्कारों से परिचय हो इसलिये इस बार के आयोजन में युवाओं की आधिकारिक प्रतिभागिता हो इसके लिए प्रचार किया जा रहा है। इसके लिये ‘नवसंवत्सर उत्सव समारोह समिति का भी गठन किया गया है। साथ ही सोशल मीडिया पर नव संवत्सर के मैसेज बनाकर डाले जाएंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

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