मप्र विधानसभा में नगर और ग्राम निवेश संशोधन विधेयक और मप्र सहकारी समिति संशोधन विधेयक पारित

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मप्र विधानसभा में नगर और ग्राम निवेश संशोधन विधेयक और मप्र सहकारी समिति संशोधन विधेयक पारित


भोपाल, 24 मार्च (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के नौवें एवं अंतिम दिन सोमवार को नगर और ग्राम निवेश संशोधन विधेयक और मप्र सहकारी समिति संशोधन विधेयक पारित किया गया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले अंतिम दिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमने जिलास्तर पर विकास समिति बनाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री कृषक उन्नत योजना के लिए 850 करोड रुपये, डेयरी विकास योजना के लिए 50 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। सभी विधानसभा में एक मल्टी परपज खेल स्टेडियम बनेंगे निजी निवेश से भी विकास का प्लान लागू किया है। मजरे टोले में सड़क निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये तय किए गए हैं। मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना के लिए बजट में 442 करोड़ रुपए शामिल किए गए हैं। मुख्यमंत्री सुगम परिवहन योजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही आज पूरे समय चली। यह एक अच्छी परंपरा है। जब हम जमीन लेकर मुआवजा देते थे तो बहुत सारी कठिनाई आती थी। अब हम मुआवजा नहीं दे रहे हैं, बल्कि किसानों को भागीदार बना रहे हैं।

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नगर और ग्राम निवेश संशोधन विधेयक को लेकर कहा कि इस विधेयक में मुआवजा और मास्टर प्लान का कोई उल्लेख नहीं है। हम किसान को मजबूत बनाने के लिए यह विधेयक ला रहे हैं। इससे किसानों की जमीन की कीमतें बढ़ेगी। वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि इसमें मुआवजे की स्पष्ट नीति होना चाहिए। किसानों की जमीन लेने पर उनका शोषण न हो सके। सरकार विकास करें, लेकिन विकास के साथ किसी का शोषण न हो।

मध्यप्र देश सहकारी समिति संशोधन विधेयक पारित

सदन में मंत्री विश्वास सारंग ने मध्य प्रदेश सहकारी समिति संशोधन विधेयक 2025 पर चर्चा का प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस पर कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने कहा कि यह विधेयक पारित किया गया तो सहकारिता आंदोलन की अंत्येष्टि होगी। बीते 20 साल में सहकारी आंदोलन को बढ़ाने की बजाय कुचलने का काम किया गया है।

कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने कहा कि सरकार पहले ही सहकारी आंदोलन को अफसरों के हवाले कर चुकी है। इस विधेयक के पारित होने के बाद सहकारिता का अंत हो जाएगा। सरकार चुनाव नहीं करा रही है इसलिए सहकारिता खत्म हो गई है। इस पर मंत्री सारंग ने कहा कि प्रदेश में 650 से 700 नई पैक्स बनाने की तैयारी है। उसके बाद सभी समितियों के चुनाव कराए जाएंगे। सरकार किसी तरह से चुनाव टालने की मंशा नहीं रखती है। इसके बाद कांग्रेस ने सदन से वॉक आउट कर दिया। हालांकि, वॉक आउट के बीच ही मध्यप्रदेश सहकारी समिति संशोधन विधेयक 2025 पारित कर दिया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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