शेख अहमद सरहिंदी ने बोए थे पाकिस्तान आंदोलन के बीज


भोपाल, 23 मार्च (हि.स.)। दो राष्ट्र का सिद्धांत अभी का नहीं बल्कि अकबर के समकालीन इस्लामी विचारक शेख अहमद सरहिंदी द्वारा शुरू किया गया था। ये शेख अहमद सरहिंद हिन्दुओं को कुत्तों का दर्जा देता था। उक्त बातें यंग थिंकर्स फोरम द्वारा रविवार को स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी में शेख अहमद सर हिंदी पर व्याख्यान के आयोजन अवसर पर कही गई। मुख्य वक्ता के रूप में आए इस्लाम विषय के गहन अध्येता श्रीकृष्ण श्रीवास्तव ने इस दौरान अनेक दस्तावेजी उद्धरण भी दिए।
उन्होंने बताया कि सरहिंदी का कहना था कि गैर मुस्लिम को मारना इस्लाम का लाभ है। औरंगज़ेब से लेकर जिन्ना, मौलाना आजाद और इक़बाल तक सभी शेख अहमद सरहिंदी के विचारों से अत्यधिक प्रभावित थे। उन्होंने कहा विडंबना तो यह है कि न तो कोई इसके बारे में जानता है और उल्टा मौलाना आजाद केंद्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (हैदराबाद) जैसी यूनिवर्सिटीज में इसको महान पढ़ाया जाता है। वहीं श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि भारत विभाजन के मुख्य चार विचार एवं आन्दोलन केंद्र में रहे हैं जिसमें कि शाह वालीउल्लाह और वहाबी मूवमेंट, सर सैयद अहमद खान और अलीगढ़ मूवमेंट, गांधीजी, मौलाना अली जौहर और खिलाफत मूवमेंट और जिन्ना का पाकिस्तान मूवमेंट है। उन्होंने इन सभी के बारे में भी विस्तार से बताया।
उल्लेखनीय है कि फोरम द्वारा आयोजित 'मुस्लिम पॉलिटिक्स इन इंडिया' शृंखला का यह प्रथम व्याख्यान था। कार्यक्रम का संचालन अश्मिता पाठक ने तथा समारोप फोरम के निदेशक आशुतोष सिंह ठाकुर ने किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी