मध्य भारत में बढ़ रहा है संघकार्य, शताब्दी वर्ष में घर-घर संपर्क करेगा संघ

- शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में चलनेवाली शाखाओं की संख्या में वृद्धि, 3384 शाखाएं संचालित
भोपाल, 25 मार्च (हि.स.)। बेंगलुरु में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधिसभा में संपूर्ण देश के संघकार्य का वृत्त प्रस्तुत किया गया, जिसके अनुसार देश के विभिन्न भागों सहित मध्यभारत प्रांत में भी तेजी से संघकार्य बढ़ रहा है। शताब्दी वर्ष को ध्यान में रखकर कार्यकर्ताओं ने मंडल और बस्ती तक संघकार्य को पहुँचाने के प्रयास किए हैं। वर्तमान समय में मध्यभारत प्रान्त में संघ की रचना से महानगरीय एवं ग्रामीण जिलों के 2129 स्थानों पर 3384 शाखाएं चल रही हैं। जिनमें महानगर में 37 स्थानों पर 490 शाखाएं एवं ग्रामीण जिलों में 2092 स्थानों पर 2894 शाखाएं चल रही हैं।
बेंगलुरु में सम्पन्न बैठक में हुए निर्णय एवं अन्य विषयों की जानकारी साझा करते हुए उक्त बातें मध्यभारत प्रांत के संघचालक अशोक पाण्डेय ने मंगलवार को भोपाल में पत्रकारवार्ता के दौरान कही। उन्होंने बताया कि 617 स्थानों पर 849 साप्ताहिक मिलन के रूप में संघकार्य चल रहा है। शताब्दी वर्ष में प्रान्त की प्रत्येक बस्ती और मंडल तक संघ के कार्यविस्तार का लक्ष्य है। संघ के स्वयंसेवकों द्वारा समाज के साथ मिलकर सेवा बस्तियों में सेवाकार्य भी चलाये जा रहे हैं। वर्तमान में शाखाओं द्वारा 213 सेवा उपक्रम किए जा रहे हैं। संघ ने जिन बस्तियों को सेवा बस्ती के रूप में चिह्नित किया है, ऐसी 715 सेवा बस्तियों में से 232 में शाखाएं चल रही हैं, 445 बस्तियों में सेवा कार्यों का संचालन किया जा रहा है और 380 सेवा बस्तियों में स्वयंसेवकों का नियमित संपर्क है।
संघकार्य की समझ बढ़ाने एवं कार्यकताओं के व्यक्तित्व विकास की दृष्टि से संघ प्रतिवर्ष संघशिक्षा वर्गों को आयोजन करता है। तीन दिवस के 144 प्रारंभिक वर्ग आयोजित किए गए, जिनमें 8332 स्वयंसेवक शामिल हुए। 7 दिवस की अवधि के 44 प्राथमिक वर्गों में 3571 स्वयंसेवक शामिल हुए। इसी तरह, 15 दिन के संघ शिक्षा वर्ग 1178, कार्यकर्ता विकास वर्ग-1 में 230 और कार्यकर्ता विकास वर्ग-2 में 35 स्वयंसेवकों ने संघकार्य का प्रशिक्षण प्राप्त किया।
मध्यभारत में किए गए उल्लेखनीय प्रयास:
मध्य प्रदेश के विदिशा विभाग की 56 व्यवसायी शाखाओं के प्रयासों का उल्लेख प्रतिनिधि सभा की बैठक में सरकार्यवाह के वृत्त में आया है। विदिशा की चयनित 56 व्यवसायी शाखाओं ने अपने शाखा क्षेत्र का सामाजिक अध्ययन कर वहाँ की प्रमुख समस्याओं को चिन्हित किया और समाज की सज्जनशक्ति को साथ लेकर उनके समाधान हेतु पहल की। इन शाखाओं ने नशा मुक्ति, सरकारी विद्यालय में बच्चों की कम उपस्थिति, गो-संरक्षण, नर्मदा जी का संरक्षण, सिंगल यूज प्लास्टिक पर कार्य, फलदार वृक्षों की कमी, लव जिहाद, धार्मिक जागृति का अभाव, संस्कार शिक्षण कमी, अस्वच्छता, मोबाइल गेमिंग, हिंदू परिवार पलायन, इस तरह से 103 प्रकार की समस्याएं चिन्हित की। इस प्रकार के कार्य मध्यभारत के अन्य विभागों में भी चल रहे हैं। राजगढ़ में सामाजिक समरसता, भोपाल में सेवा कार्य एवं हिन्दू पलायन, ग्वालियर में सिंगल यूज प्लास्टिक एवं नशा मुक्ति, नर्मदापुर में पर्यावरण संरक्षण इत्यादि विषयों को लेकर विशेष प्रयत्न किए जा रहे हैं।
शताब्दी वर्ष पर प्रांत में संघ की योजना:
विजयादशमी-2025 उत्सव: अधिकतम स्थानों पर गणवेश में कार्यक्रम। मण्डल, खंड, नगर स्तर पर संचलन भी निकालने की योजना है।
व्यापक गृह संपर्क: प्रत्येक गाँव एवं बस्ती के प्रत्येक घर तक संपर्क करने की योजना है। पूर्व में वर्ष 2000 में डॉ. केशव हेडगेवार की जन्मशती एवं श्रीराममंदिर के लिए श्रद्धा निधि संग्रह के लिए भी स्वयंसेवक समाज में व्यापक स्तर पर संपर्क कर चुके हैं।
हिन्दू सम्मेलन: सभी मंडलों और बस्तियों में हिन्दू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जिसमें बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक के जीवन में एकता और सद्भाव, राष्ट्र के विकास में सभी का योगदान और पंच परिवर्तन में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी, का संदेश दिया जाएगा।
सद्भाव बैठक : खंड/नगर स्तर पर सामाजिक सद्भाव बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिसमें एक साथ मिलकर रहने पर बल दिया जाएगा। बैठकों का उद्देश्य सांस्कृतिक आधार और हिन्दू चरित्र खोए बिना आधुनिक जीवन जीने का संदेश देना होगा। उन्होंने महाकुम्भ का उदाहरण दिया, जहां सभी क्षेत्रों के लोग एक साथ आए थे।
नागरिक गोष्ठी: हिंदुत्व, पंच परिवर्तन, राष्ट्रीयता, एक राष्ट्र एक जन एक संस्कृति, इस प्रकार के विषयों पर नागरिक संवाद आयोजित किए जाएंगे। जिला स्तर पर आयोजित इन कार्यक्रमों में राष्ट्रीय विषयों पर सही विमर्श स्थापित करने और आज प्रचलित गलत विमर्श को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
युवाओं से संवाद: युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 15 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं के लिए राष्ट्र निर्माण, सेवा गतिविधियों और पंच परिवर्तन पर केंद्रित कार्यक्रम किए जाएंगे।
पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई होलकर के 300वें जयंती वर्ष पर प्रांत में किए गए कार्यक्रम:
पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई होलकर के 300वें जयंती वर्ष को मनाने का निर्णय पिछले वर्ष प्रतिनिधि सभा में लिया गया था। इस संदर्भ में वर्षभर में प्रांत में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। प्रांत के शासकीय 16 जिलों में 273 व्याख्यान आयोजित किए गए, जिनमें कुल 32,404 लोग उपस्थित हुए। इनमें मातृशक्ति की संख्या 14,487 और बंधु 17,917 उपस्थित रहे। विद्यालय और महाविद्यालय में कुल 496 स्थानों पर प्रबोधन/व्याख्यान के कार्यक्रम आयोजित हुए। मुरैना में मंदिरों की स्वच्छता का अभियान लिया गया। गुना में देवी अहिल्याबाई होलकर के जीवन चरित्र पर आधारित नाटक का मंचन किया गया। अशोक नगर, राजगढ़ और सीहोर में शोभा यात्राएं निकाली गईं। नर्मदापुरम में शिल्पकारों द्वारा निर्मित उत्पाद की प्रदर्शनी और बिक्री की गई। बैतूल में गौ उत्पादों के निर्माण का प्रशिक्षण और विपणन की कार्यशाला चार स्थानों पर की गई।
बांग्लादेश में हिन्दुओं के विरुद्ध हिंसा पर प्रस्ताव:
संघ ने प्रतिनिधिसभा में ‘बांग्लादेश के हिंदू समाज के साथ एकजुटता से खड़े रहने का आह्वान’ शीर्षक से एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी पारित किया। इसमें संघ की प्रतिनिधिसभा ने बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर इस्लामी कट्टरपंथी तत्वों द्वारा लगातार हो रही सुनियोजित हिंसा, अन्याय और उत्पीड़न पर गहरी चिंता व्यक्त की है। संघ की दृष्टि में यह स्पष्ट रूप से मानवाधिकार हनन का गम्भीर विषय है। बांग्लादेश में वर्तमान सत्ता पलट के समय मठ-मंदिरों, दुर्गा पूजा पंडालों और शिक्षण संस्थानों पर आक्रमण, मूर्तियों का अनादर, नृशंस हत्याएँ, संपत्ति की लूट, महिलाओं के अपहरण और अत्याचार, बलात् मतांतरण जैसी अनेक घटनाएँ लगातार सामने आ रही हैं। इन घटनाओं को केवल राजनीतिक बताकर इनके मजहबी पक्ष को नकारना सत्य से मुंह मोड़ने जैसा होगा, क्योंकि अधिकतर पीड़ित, हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों से ही हैं।
महारानी अब्बक्का का 500वाँ जयंती वर्ष: अखिल भारतीय प्रतिनिधिसभा की बैठक में स्वतंत्रता सेनानी एवं महारानी अबक्का का स्मरण भी किया गया। महारानी अबक्का के जन्म की 500वीं वर्षगांठ के अवसर पर सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने वक्तव्य जारी किया।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी