विधायकों को मिलेंगे लैपटॉप, विधायक निधि बढ़ाने पर विचारः विजयवर्गीय

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विधायकों को मिलेंगे लैपटॉप, विधायक निधि बढ़ाने पर विचारः विजयवर्गीय


भोपाल, 21 मार्च (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन शुक्रवार को विधायक निधि बढ़ाने की मांग उठी, जिस पर नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि विधानसभा की वेतन भत्ता निर्धारण कमेटी और सुविधा कमेटी बनी हुई है। विधानसभा की ओर से सुझाव मिल जाए तो सरकार इस मामले में निर्णय करेगी। विधायकों को विधान परियोजना के अंतर्गत लैपटॉप भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके बाद सदन में लोक निर्माण विभाग समेत 30 से अधिक विभागों पर चर्चा कराए बगैर अनुदान मांगों को मंजूर कर लिया गया। विधानसभा में विनियोग विधेयक क्रमांक 2 वर्ष 2025 26 पारित कर दिया गया। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार 24 मार्च को सुबह 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

विधानसभा में शुक्रवार को विभिन्न विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा शुरू हुई। नगरीय विकास विभाग और राज्य विधानमंडल की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान सिंरोज विधायक उमाकांत शर्मा ने कहा कि वे विधायक के रूप में विधानसभा से वेतन नहीं लेंगे। वहीं, कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय ने कहा कि अधिकारियों के सीआर लिखने के अधिकार भी विधायकों और जनप्रतिनिधियों को दिए जाने चाहिए। विधायक अगर जांच की मांग करते हैं तो कमेटी में उन्हें शामिल नहीं किया जाता है। सरकार में स्थिति ऐसी है कि जो लोग सरकार का साथ दे रहे हैं, उनके यहां तो काम कराए जाते हैं। जो नहीं देते, उनके यहां काम करने से मना कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि कई ऐसे पूर्व विधायक हैं जिनकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। पेंशन बढ़ाने की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि कांग्रेस के विधायकों ने सरकार से अपनी विधानसभा क्षेत्र में विकास के लिए पैसा मांगा, लेकिन नहीं दिया गया। सत्ता पक्ष के विधायकों को विकास के लिए पैसे मिलते हैं। विपक्ष के विधायकों को नहीं। एक विधानसभा के लिए कम से कम पांच करोड़ रुपये दिए जाने चाहिए। ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के लिए 500 से 600 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। इस पर नीतिगत निर्णय होना चाहिए। विधायक निधि के मामले में भी विधानसभा अध्यक्ष को विचार करना चाहिए।

विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने इस दौरान कहा कि अधिकांश सदस्यों ने विधायक निधि बढ़ाने की मांग की है। इससे वह सहमत हैं। साथ ही पूर्व विधायकों का भत्ता बढ़ाने के मामले में भी निर्णय लिया जा सकता है।

विभागीय अनुदान मांगों पर बोलते हुए नगरीय विकास विभाग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि प्रदेश में दो मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाए जाने की तैयारी है। यह इंदौर और आसपास के जिलों को मिलाकर तथा भोपाल और आसपास के शहरों को मिलाकर बनेगी। इंदौर की हुकुमचंद मिल के स्थान पर एक आईकॉनिक टावर बनेगा। उन्होंने कहा कि हम वोट के लालच में टैक्स नहीं बढ़ाते, लेकिन जनता सुविधा मिलने पर टैक्स अदा करती है। इंदौर में मेयर ने टैक्स बढ़ाए तो 100 करोड़ की आमदनी हुई है। वह फिर 51 लाख पौधे लगाएंगे और इंदौर का टेंपरेचर चार डिग्री कम करने का काम करेंगे।

उन्होंने कहा कि इंदौर और भोपाल का मास्टर प्लान तैयार है। इसमें केंद्र सरकार के कुछ सुझावों के आधार पर बदलाव किया जा रहा है। 6 शहरों के लिए 500 की ई बसें जल्दी आएंगे। लोग अपने वाहनों के बजाय ई बसों से चले, इसके लिए भी प्लानिंग कर रहे हैं। अभी ई रिक्शा का लाइसेंस नहीं मिलता है। हम ई रिक्शा का भी किराया तय करेंगे और ई बसों का भी किराया तय करेंगे। हर शहर की प्लानिंग 25 साल के लिए हो इसके लिए अभी हम काम कर रहे हैं।

विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर 8वीं बार भी स्वच्छता में नंबर वन आएगा। बिजली का बिल कम करने के लिए 4 शहरों में सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। जहां से मेट्रो गुजरेगी वहां एफएआर बढ़ाएंगे। उज्जैन में महाकाल महा लोक बनने के बाद उज्जैन की इकोनॉमी 10 गुना बढ़ गई है। प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों को भी मजबूत और विकसित करने का काम किया जाएगा।

इससे पहले सहकारिता विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने कहा कि सहकारिता विभाग में चुनाव नहीं कराए जा रहे। सरकारी संस्थाएं किसी के चलते अब सहकारी संस्थाएं बनकर रह गई हैं। जकार्ता नियमों में प्रावधान है कि किसी भी सरकारी संस्था का संचालक मंडल 6 महीने से अधिक तक भंग नहीं रहेगा। इसके बाद भी राज्य सरकार सहकारिता के चुनाव नहीं करा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहकारिता को बढ़ावा देने की भावना को दरकिनार कर राज्य सरकार अमेंडमेंट लेकर आ रही है। 38 जिला सहकारी बैंकों, अपेक्स बैंक समेत प्राथमिक सहकारी समितियां के चुनाव नहीं हुए हैं। सहकारिता मंत्री को यह सब पता है। हाई कोर्ट इस मामले में आदेश जारी कर चुका है, लेकिन 9 साल बाद भी चुनाव नहीं हो रहे हैं।

सहकारिता विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा पर जवाब देते हुए मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि सरकार जल्द ही पंचायतों में सहकार सभा का आयोजन करेगी। इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोगों को शामिल किया जाएगा। प्राथमिक सहकारी समिति केवल क्रेडिट से काम नहीं करेगी, बल्कि वह मिल्क रूट में भी काम करेगी। शादी हॉल बनाने और पेट्रोल पंप चलाने का काम भी पैक्स के माध्यम से किया जाएगा।

कांग्रेस विधायक शेखावत ने कहा कि अपेक्स है ही नहीं तो कंप्यूटराइजेशन कहां हो रहा है। उन्होंने कहा कि 20 पैक्स को एक इंस्पेक्टर चला रहा है। बीज संघ बनने के 40 साल बाद भी उसका चुनाव नहीं हो पाया है। इस पर मंत्री सारंग ने अपने जवाब में कहा कि पैक्स और अपेक्स के चुनाव होंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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