मप्र ऊर्जा विकास निगम बना पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के लिये नोडल एजेंसी

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मप्र ऊर्जा विकास निगम बना पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के लिये नोडल एजेंसी


भोपाल, 25 मार्च (हि.स.)। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम को राज्य में रूफटॉप सोलर (आरटीएस) अपनाने को बढ़ावा देने के लिए नोडल एजेंसी नामित किया गया है। यह एजेंसी राज्य की बिजली वितरण कंपनियों- म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल, और म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर की ओर से योजना के कार्यान्वयन की निगरानी करेगी। यह जानकारी मंगलवार को जनसम्पर्क अधिकारी सोनिया परिहार ने दी।

नोडल एजेंसी के रूप में म.प्र. ऊर्जा विकास निगम के दायित्व

उन्होंने बताया कि नोडल एजेंसी के रूप में मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम को राज्य में रूफटॉप सोलर कार्यक्रम और योजना का क्रियानवयन करने, सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के तहत विक्रेताओं का पंजीकरण और प्रबंधन, उपभोक्ताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए राज्यव्यापी जागरूकता और प्रचार योजना का क्रियान्वयन, डिस्कॉम, विक्रेताओं और उपभोक्ताओं सहित हितधारकों के लिए क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने, और केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और डिस्कॉम के बीच समन्वय सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है। इससे पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजनाका सुचारू रूप से क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सकेगा।

एमपी ऊर्जा विकास निगम को केन्द्रीय नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप योजना को समयबद्ध और सुचारू रूप से लागू करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। सभी संबंधित विभागों, एजेंसियों और डिस्कॉम को एमपी ऊर्जा विकास निगम को पूर्ण सहयोग प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं।

ग्रामीणजन विद्युत से सुरक्षा के लिये सावधानियाँ जरूर बरतें

इधर, मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने ग्रामीणजनों को आगाह किया है कि वे गर्मी के दौरान विद्युत से सुरक्षा के लिये सावधानियां जरूर बरतें। अक्सर देखा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में असावधानी विद्युत से कई बार अप्रिय घटनाएं घट जाती हैं। यह दुर्घटनाएं कईं बार जान-माल का नुकसान भी कर देती हैं। इनसे बचने के लिए ग्रामीणजनों से सावधानी बरतने की अपील करते हुए कंपनी ने कहा है कि कभी भी विद्युत लाइनों, उपकरणों एवं खंभों से छेड़खानी न करें। ऐसा करना विद्युत अधिनियम 2003 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध है।

विद्युत लाइनों के पास असावधानी या छेड़खानी से बड़े-बड़े खतरे पैदा हो सकते हैं। इसलिए ऐसी लाइनें जिनमें विद्युत शक्ति प्रवाहित होती है उन्हें ऑंधी तूफान या अन्य किसी कारण से टूटने वाले तारों को अकस्मात् छूने का प्रयास न करें। ऐसी स्थिति में जरूरी है कि लाइन टूटने की सूचना तत्काल निकटस्थ बिजली कंपनी के अधिकारी को अथवा विद्युत कर्मचारी को दें।

किसानों को सलाह है कि वे खेतों खलिहानों में ऊॅंची-ऊंची घास की गंजी, कटी फसल की ढेरियां, झोपड़ी, मकान अथवा तंबू आदि विद्युत लाइनों के नीचे अथवा अत्यंत समीप न बनायें। साथ ही विद्युत लाइनों के नीचे से अनाज, भूसे आदि की ऊँची भरी हुई गाड़ियां न निकालें। इससे आग लगने एवं जान जाने का खतरा रहता है।

बच्चे बहुत से स्थानों पर पतंग अथवा लंगर का खेल खेलते तरह-तरह के धागे और डोर विद्युत लाइनों में फंसा देते हैं। ऐसा करने से उन्हें रोकें। लाइनों में फंसी पतंग निकालने के लिए बच्चों को कभी भी खंभे पर न चढ़ने दें। इससे एक ओर जहां दुर्घटना को टाला जा सकेगा वहीं दूसरी ओर इससे होने वाली आर्थिक हानि से भी बच सकेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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