अंजुमन-ए-फ़रोग़-ए-उर्दू ने साप्ताहिक साहित्यिक सभा का आयोजन किया

जम्मू, 24 मार्च (हि.स.)। अंजुमन-ए-फ़रोग़-ए-उर्दू, जम्मू और कश्मीर ने एक जीवंत साहित्यिक सत्र की मेजबानी की जिसमें प्रसिद्ध विद्वानों, कवियों और लेखकों की सम्मानित उपस्थिति थी। सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर मुहम्मद ज़मान अज़ुर्दा ने की। इस कार्यक्रम में इंजीनियर जावेद शब्बीर, अब्दुल कुद्दिर कुंडरिया, चमन सगूच, अब्दुल जब्बार बट, भाटी मासूम किश्तवारी, मुमताज बट, इकबाल खलार, मंजीत सिंह कामरा, अब्दुल मजीद कनलू और फ़ोज़िया मुगल ज़िया सहित प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया। उनमें से प्रत्येक ने अपनी साहित्यिक कृतियों को बड़ी वाक्पटुता के साथ प्रस्तुत किया, अपने काव्यात्मक और गद्य योगदान से वातावरण को समृद्ध किया।
सत्र का मुख्य आकर्षण प्रोफेसर ज़मान अज़ुरदा का प्रसिद्ध कवि रसा जावेदानी पर पेपर था, जिसे उन्होंने उल्लेखनीय गहराई और कुशलता के साथ पढ़ा। साहित्यिक सार को जोड़ते हुए इंजीनियर जावेद शब्बीर ने अपनी लघु कहानी, मेरा भाई (मेरा भाई) के साथ दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी प्रस्तुतियों को बहुत सराहना मिली। उपस्थित लोगों ने व्यावहारिक चर्चा और कहानी कहने के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की।
अपने समापन अध्यक्षीय भाषण में प्रोफेसर अज़ुरदा ने सभा की सराहना की और इसे एक सुंदर रूप से आयोजित साहित्यिक सत्र के रूप में वर्णित किया। उन्होंने सभी भाग लेने वाले कवियों और लेखकों को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए बधाई दी। सत्र का संचालन अंजुमन-ए-फरोग-ए-उर्दू की अध्यक्ष फोजिया मुगल जिया ने किया जिन्होंने कार्यक्रम के सुचारू निष्पादन को सुनिश्चित किया।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा