झज्जर में हरपाल सिंह ने खुद ही की पत्नी, दाे बेटाें व बेटी की हत्या

- पत्नी, बेटी और दोनों बेटे की हत्या के आरोप में हरपाल सिंह गिरफ्तार
- घर में मिली डायरी में लिखा मिला है 12 पेज का सुसाइड नोट
- हरपाल सिंह ने अपनी बहन और बहनोई को ठहराया जिम्मेदार
झज्जर, 23 मार्च (हि.स.)। बहादुरगढ़ के सेक्टर 9 स्थित एक मकान में शनिवार की शाम को हुई चार लोगों की मौत के मामले में अलग ही प्रकार का मोड़ गया है। पुलिस जांच से खुलासा हुआ है कि परिवार के चारों लोगों की मृत्यु के लिए कोई और नहीं बल्कि परिवार का मुखिया हरपाल सिंह ही जिम्मेदार है। उसने पहले अपने परिवार के इन चारों सदस्यों की हत्या की और उसके बाद आग लगा दी। हरपाल सिंह द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट मिलने के बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उक्त खुलासा हुआ। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।
हर दृष्टिकोण से पुलिस तहकीकात के बाद पुलिस उपायुक्त मयंक मिश्रा ने सेक्टर 9 बहादुरगढ़ के मकान नंबर 312 में शनिवार की शाम हुई घटना का विस्तार से खुलासा किया। इस घटना में 48 वर्षीय हरपाल सिंह की 38 वर्षीय पत्नी संदीप कौर, 17 वर्षीय बेटे तीरथ सिंह, 11 वर्षीय बेटी सहज कौर और 9 साल के बेटे सुखविंदर की मौत हो गई। जबकि खुद हरपाल सिंह के शरीर का कुछ हिस्सा भी झुलस गया। उन्होंने बताया कि घटना के बाद हरपाल सिंह की हालत कुछ बिगड़ी तो उन्हें पीजीआई रोहतक में भर्ती कराया गया। प्राथमिक चिकित्सा के बाद अस्पताल से उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। जिस पर वह गायब हो गए। पुलिस ने कुछ ही देर बाद उन्हें पकड़ लिया। घटनास्थल पर देर रात तक जांच की गई तो पुलिस को एक डायरी भी मिली। जिसमें हरपाल सिंह ने 12 पेज का सुसाइड नोट लिखा है। इसमें कहा गया है कि उसकी बहन और बहनोई उसे लंबे समय से प्रताड़ित कर रहे हैं। खुदकुशी के लिए वही जिम्मेदार होंगे।
डीसीपी ने बताया कि सुसाइड नोट और मौके के हालात की पड़ताल से मामले की जांच करने में मदद मिली है। हरपाल सिंह ने शनिवार की शाम पहले अपनी पत्नी बेटी और दोनों बेटों को नींद की गोलियां दी। कुछ देर में चारों अचेत हो गए तो गला घोटकर हत्या कर दी और बाद में पेट्रोल उड़ेल कर आग लगा दी। सुसाइड नोट, मौके के हालात और हरपाल सिंह से पूछताछ के बाद पुलिस ने शहर थाना बहादुरगढ़ में हरपाल सिंह के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।
मृतकों के परिजनों के बयान न होने की वजह से रविवार को भी चारों शवों का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। सभी शव नागरिक अस्पताल बहादुरगढ़ के शव गृह में रखे गए हैं। हरपाल सिंह मूलतः उत्तराखंड के रुद्रपुर से है। पिछले कुछ वर्षों से दिल्ली में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करता था। लगभग 7 महीने पहले उसने बहादुरगढ़ के सेक्टर 9 स्थित किराए के इस मकान में रहना शुरू किया था।
डीसीपी मिश्रा ने बताया कि अपने परिजनों की हत्या के लिए हरपाल सिंह सीधे तौर पर जिम्मेदार है। लेकिन उसके द्वारा अपनी बहन व बहनोई पर लगाए लगाए गए प्रताड़ना के आरोपों की भी जांच की जाएगी। हनुमान लगाया गया है कि हरपाल का अपनी बहन के साथ संपत्ति को लेकर विवाद था। साथ ही व्यवसाय में भी वह कुछ समय से कामयाब नहीं हो रहा था। हो सकता है इन्हीं परिस्थितियों की वजह से उसने पूरे परिवार को खत्म कर दिया।
हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज