बालकृष्ण के अद्भुत पराक्रम से गूंज उठा कथा स्थल, भक्तिमय हुआ माहौल

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बालकृष्ण के अद्भुत पराक्रम से गूंज उठा कथा स्थल, भक्तिमय हुआ माहौल


मीरजापुर, 25 मार्च (हि.स.)। श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के पावन अवसर पर अदलहाट क्षेत्र के छोटा मीरजापुर स्थित अस्पताल प्रांगण में मंगलवार को भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। व्यासपीठ से प्रवचन करते हुए आचार्य डॉ. पुंडरीक शास्त्री महाराज ने श्रीकृष्ण के बाल्यकाल की रोमांचक लीलाओं का वर्णन किया, जिसे सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।

उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने मात्र बालपन में ही कंस के भेजे सात महादैत्यों का संहार कर दिया था। पूतना, जो नवजात कृष्ण को विषपान कराना चाहती थी, स्वयं काल का ग्रास बन गई। त्रिणावर्त ने तेज़ आंधी बनकर नन्हें कृष्ण को उड़ाने का प्रयास किया लेकिन श्रीकृष्ण ने उसे ही धराशायी कर दिया। वाताप बैल के रूप में आया, बकासुर बगुले का रूप धरकर ग्वाल-बालों पर हमला करने पहुंचा, परंतु वे भी भगवान के हाथों मुक्त हो गए।

सबसे रोमांचक प्रसंग तब आया जब अगासुर नामक विशाल अजगर ग्वाल-बालों को निगलने के लिए आया। बालकृष्ण ने उसे भी परास्त कर दिया। जैसे-जैसे कथा आगे बढ़ी, श्रद्धालु श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी के जयघोष में डूबते चले गए। पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा। इस अवसर पर दंडी स्वामी श्रीमन नारायण, डाॅ. गीता ससिंह, डाॅ. मनदीप सिंह, डाॅ. ओंकारेश्वर उपाध्याय, पंडित कैलाश, पंडित सुनील तिवारी, पंडित अभय तिवारी, चंदन तिवारी और आनंद कुमार सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे। आयोजक डाॅ. जयदीप सिंह ने बताया कि 26 मार्च को कथा का शुभ विराम होगा। 27 मार्च को भव्य भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इसमें क्षेत्रभर के श्रद्धालु सम्मिलित होकर महाप्रसाद ग्रहण करेंगे और पुण्यलाभ प्राप्त करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा

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