अपहरण के दोषी को आजीवन, महिला समेत दो को 10-10 वर्ष की सजा

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अपहरण के दोषी को आजीवन, महिला समेत दो को 10-10 वर्ष की सजा


फिरोजाबाद, 25 मार्च (हि.स.)। न्यायालय ने मंगलवार को अपहरण के एक दोषी को आजीवन कारावास तथा उसकी पत्नी सहित दो दाेषियाें को 10-10 वर्ष की कठोर सजा सुनाई है। उन पर अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

थाना दक्षिण क्षेत्र निवासी थान सिंह 24 अप्रैल 2008 को सत्यभान के यहां काम पर गया था। उसके बाद वह लौट कर नहीं आया। परिजनों ने उसकी तलाश के बाद पता चला कि हरीश चंद्र ने उसे दावत में ले जाने के लिए बस स्टैंड पर बुलाया था। परिजन हरीश चंद्र के घर पहुंचे ताे वह पत्नी गुड्डी देवी समेत गायब था। इस मामले में अनीता देवी ने हरिया उर्फ हरिश्चंद्र, उसकी पत्नी गुड्डी देवी तथा दीपचंद्र पुत्र रामचंद्र निवासी दौकेली थाना मटसेना के खिलाफ पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज किया। विवेचना के बाद पुलिस ने उनके खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।

मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश डीएए कोर्ट संख्या 2 सर्वेश कुमार पांडेय की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र राठौर ने की। विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि मुकदमे के दौरान आधा दर्जन गवाहों ने गवाही दी। कई साक्ष्य न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए। गवाहों की गवाही तथा साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने तीनों को दोषी माना। न्यायालय ने हरिश्चंद्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 25 हजार रुपया अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड न देने पर उसे एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास काटना हाेगा। वहीं उसकी पत्नी गुड्डी देवी तथा दीप चंद्र को 10-10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। उन पर भी 5-5 हजार रुपया अर्थ दंड लगाया है। अर्थदंड न देने पर उन्हें छह छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

हिन्दुस्थान समाचार / कौशल राठौड़

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