हमीरपुर के कई गांवों में आठवें दिन खेली गई होली

- रामजानकी मंदिर में फाग की मची धूम- कई गांवों में उड़ाया गया रंग और गुलालहमीरपुर, 23 मार्च (हि.स.)। कुरारा विकास खंड क्षेत्र के कंडौर गांव होलिका दहन के बाद अष्टमी को रंग गुलाल से होली खेलने की परंपरा चली आ रही है इस दिन गांव में फाग निकलती है तथा हुरियार फाग गायन कर हर्ष से होली खेलते हैं।
क्षेत्र के कंडौर गांव में होलिका दहन के बाद ग्रामीण होली नहीं खेलते हैं तथा किसी को रंग गुलाल नहीं लगाते हैं। गौरवंश के बारह गांव में कंडौर गांव भी शामिल है। गांव निवासी डा देवेंद्र सिंह गौर ने बताया पूर्वजों के समय से होली का पर्व होलिका दहन के बाद अष्टमी के दिन धूम धाम से मनाया जाता है। इसके पहले कंडौर गांव के लोग फाग नहीं खेलते है। यह परंपरा सैकड़ों वर्ष से चली आ रही है। इस दिन पारा , टीकापुर, बहदीना, आदि गांव के ग्रामीण होली उत्सव में शामिल होते हैं। फाग की टोलियां गांव स्थित रामजानकी मंदिर से प्रारंभ होकर गांव में फाग गायन करते हैं तथा एक दूसरे को रंग अबीर लगाकर होली खेलते हैं। गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि गांव में होली मनाए जाने की अष्टमी के दिन मनाए जाने की परंपरा आज भी जीवंत किए हुए हैं। क्षेत्र के पतारा ग्राम पंचायत के मजरा हरेहठा गांव में गौर वंश के बारह गांव के क्षत्रिय एकत्र होकर विजय का जलसा होली के बाद दूज को मनाते थे। इसके बाद पीढ़ियां बदलती गई। तथा अपने अपने गांव में होली का कार्यक्रम मनाने लगे। कंडौर गांव में होली आठवें दिन हुडदंग के साथ होती है।तथा इसके पहले ग्रामीण होली नहीं मनाते है रविवार के दिन कंडौर गांव में होली मनाई गई। इस दौरान समस्त ग्राम वासी फाग गायन किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा