कलस्टर आवासीय विद्यालयों से सुधरेगी शिक्षण व्यवस्था, बढ़ेगी छात्र संख्या
रुद्रप्रयाग, 27 मार्च (हि.स.)। उत्तराखंड राज्य में प्राथमिक से लेकर माध्यमिक सरकारी विद्यालयों में घटती छात्र संख्या को बढ़ाने, गुणवत्तापरक शिक्षा और सुविधाओं को लेकर अब ब्लॉक स्तर पर कलस्टर आवासीय विद्यालयों की स्थापना की जा रही है। रुद्रप्रयाग जिले में एक जीजीआईसी सहित छह माध्यमिक विद्यालयों को कलस्टर आवासीय विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां कक्षा-कक्ष निर्माण, कंप्यूटर लैब, आर्ट एंड क्राफ्ट कक्ष सहित अन्य सुविधाओं के लिए शासन से साढ़े ग्यारह करोड़ से अधिक की धनराशि जारी की गई है। पहले चरण में तीन विद्यालयों में जरूरी निर्माण कार्य शुरू हो गए हैं।
वर्ष 1997 में अस्तित्व में आये जनपद रुद्रप्रयाग में 108 माध्यमिक, 519 प्राथमिक और 128 जूनियर हाईस्कूल संचालित हो रहे हैं। वर्तमान शिक्षण सत्र में इन विद्यालयों में कक्षा 1 से 12वीं तक करीब 24 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। बीते ढाई दशक में जिले में प्रत्येक शिक्षण में कम होती छात्र संख्या के चलते 58 प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल बंद हो चुके हैं। यहां तक कि अब भी 40 से अधिक प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं, जहां 10 से कम छात्र पंजीकृत हैं। कई माध्यमिक विद्यालयों में भी छात्र संख्या 50 से कम है, जिससे इनके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। अब, सरकारी शिक्षा को बेहतर बनाने और स्कूलों को छात्र-छात्राओं से गुलजार रखने के लिए सरकार ने कलस्टर आवासीय विद्यालय विकसित करने की योजना बनाई है।
इसके तहत एक विद्यालय में सभी जरूरी सुविधाएं जुटाई जाएंगी, जहां छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। योजना के तहत जनपद में अगस्त्यमुनि विकासखंड में जीआईसी घिमतोली व जीजीआईसी अगस्त्यमुनि, ऊखीमठ विकासखंड में जीआईसी मनसूना, कोटमा और जखोली विकासखंड में जीआईसी बसुकेदार और सिद्धसौड़ को कलस्टर विद्यालय के रूप विकसित किया जाएगा। विद्यालयों में कक्षा कक्ष, कार्यालय कक्ष, प्रधानाचार्य कक्ष, स्टॉफ रूम, प्रशासनिक कक्ष, कंप्यूटर लैब, आर्ट एंड क्राॅफ्ट कक्ष, शौचालय का निर्माण किया जाएगा। साथ ही छात्र-छात्राओं और शिक्षक-कर्मचारियों के लिए आवासीय व्यवस्था भी की जाएगी। पहले चरण में चिह्नित जीआईसी घिमतोली, सिद्धसौड़ में निर्माण कार्य भी शुरू हो गये हैं। इन विद्यालयों में होने वाले निर्माण कार्यों के लिए राज्य सरकार ने 11 करोड़, 57 लाख, 45 हजार रुपये स्वीकृत किए हैं। एक छत के नीचे मिलेगी बेेेहतर शिक्षा व संसाधनराष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत कलस्टर आवासीय विद्यालय योजना तैयार की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कलस्टर विद्यालय को कैंपस के रूप में विकसित कर आसपास के कम संख्या व न्यून संसाधन वाले विद्यालयों को इसमें विलय करना है, जिससे छात्र संख्या बढ़ने के साथ पर्याप्त शिक्षक-कर्मचारी भी उपलब्ध हो जाएंगे। साथ ही एक ही परिसर में कक्षा 6 से 12वीं तक छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
मुख्य शिक्षाधिकारी, प्रमेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि कलस्टर आवासीय विद्यालय व्यवस्था से सरकारी शिक्षा गुणवत्तापूर्ण और संसाधनपूर्ण होगी। साथ ही यहां छात्र संख्या बढ़ने के साथ नई शिक्षा नीति के तहत सभी संसाधन भी छात्र-छात्राओं को मिल सकेंगे। यही नहीं, इन विद्यालयों में दूरस्थ गांवों से आने वाले छात्र-छात्राओं के आवास की व्यवस्था भी की जाएगी। जनपद में छह विद्यालयों को कलस्टर आवासीय विद्यालय के रूप में चुना गया है, जिसमें पहले चरण में चयनित विद्यालयों में निर्माण कार्य शुरू हो गए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / दीप्ति