आपातकाल के काले दौर को पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाए: ताराचंद जैन

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आपातकाल के काले दौर को पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाए: ताराचंद जैन


उदयपुर, 21 मार्च (हि.स.)।

उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन ने विधानसभा में कहा कि आपातकाल को राजस्थान में पाठ्यक्रमों में लागू किया जाना चाहिए ताकी राजस्थान के विद्यार्थियों को भी आपातकाल के काले दिनों के बारे में पता चल सकें।

वे विधानसभा में राजस्थान लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक पर बोल रहे थे। जैन ने उस समय जेल में रहे लोगों अन्य सुविधाएं भी देने की मांग करते हुए कहा कि आपातकाल के दौर में लोगों के मौलिक अधिकार छीन लिए थे और सरकार का विरोध करने वालों को बिना बताए पुलिस गिरफ्तार कर रही थी। उस दौर में सरकार ने उन्हें भी गिरफ्तार किया था। मारपीट से बाल स्वयंसेवक भारत मथुरिया के कान की झिल्ली फट गई और वह बहरा हो गया था। कांग्रेस सरकार ने तत्कालीन वसुन्धरा राजे सरकार द्वारा शुरू की गई सम्मान निधि बंद कर दी थी, जिसे पुन: शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों को बंद की गई टोल में छूट पुन: लागू की जाए। लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान स्वतंत्रता सैनानियों की तरह हर 15 अगस्त और 26 जनवरी पर किया जाए। जैन ने एक किस्सा सुनाते हुए बताया कि आपातकाल के दौर में सड़क पर बैठी भैंस जब काफी प्रयासों के बाद भी नहीं उठी तो रोडवेज चालक की टिप्पणी 'इंदिरा गांधी की तरह ठूंठ होकर क्यों बैठी है...' करने पर उसे गिरफ्तार कर लिया।

जैन व गर्ग का लोकतंत्र प्रहरी के रूप में सम्मान

राजस्थान विधानसभा में पेश राजस्थान लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधायक के पारित होने से पहले विधानसभा सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि इस विधानसभा में लोकतंत्र सेनानी के रूप में दो ही विधायक हैं, जिसमें एक वे खुद जोगेश्वर गर्ग और दूसरे उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन है। इस पर सदन ने दोनों विधायको का ताली बजाकर लोकतंत्र प्रहरियों के रूप में सम्मान किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता

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