नींदड़ के किसान और कॉलोनीवासी करेंगे विधानसभा का घेराव

जयपुर, 23 मार्च (हि.स.)। राजस्थान सरकार और जेडीए द्वारा नींदड़ गांव के किसानों और कॉलोनीवासियों की 1350 बीघा भूमि के जबरन अवाप्ति के विरोध में सोमवार को विधानसभा का घेराव किया जाएगा। इस आंदोलन का नेतृत्व नींदड़ बचाओ युवा किसान संघर्ष समिति के संयोजक डॉ. नगेंद्र सिंह शेखावत करेंगे। हजारों किसान और कॉलोनीवासी पैदल मार्च करते हुए विधानसभा पहुंचेंगे और सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश प्रकट करेंगे।
डॉ. नगेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि इससे पहले 3 मार्च 2025 को भी किसानों ने विधानसभा घेराव की योजना बनाई थी, लेकिन जयपुर पुलिस कमिश्नर ने मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के अधिकारियों से वार्ता कराने का आश्वासन दिया था। इस आश्वासन के कारण आंदोलन को स्थगित कर दिया गया और सीएमओ में एसीएस आलोक गुप्ता को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। लेकिन 20 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया, जिससे किसानों में जबरदस्त नाराजगी है और अब उन्होंने विधानसभा का घेराव करने का फैसला लिया है।
डॉ. शेखावत ने बताया कि 22 नवंबर 2024 को जेडीए ने पुलिस बल की मदद से आवासीय योजना का कार्य शुरू करने की कोशिश की थी, लेकिन किसानों और कॉलोनीवासियों के विरोध के कारण जेडीए को पीछे हटना पड़ा। तब से पिछले 122 दिनों से किसान और कॉलोनीवासी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। वे कड़ाके की सर्दी, बारिश, ओले और शीतलहर के बावजूद संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई जनप्रतिनिधि या सरकारी अधिकारी उनसे मिलने तक नहीं आया।
डॉ. शेखावत ने बताया कि नींदड़ के किसान और कॉलोनीवासी पिछले 15 वर्षों से लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। 2017 और 2020 में सरकारों के साथ समझौते हुए, लेकिन दोनों ही बार सरकारों ने अपने वादे तोड़ दिए।
2017 में समझौता हुआ कि नींदड़ में पुनः सर्वे होगा, लेकिन तीन-चार दिन बाद सरकार ने इसे रद्द कर दिया और जबरन आवासीय योजना शुरू कर दी। विरोध करने पर किसानों को 11 नवंबर 2017 को जेल भेज दिया गया। किसानों के भारी विरोध के बाद जेडीए को पीछे हटना पड़ा।
2020 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार ने 15 मार्च 2020 को किसानों के साथ हुए समझौते में मामला ‘एम्पावर्ड कमेटी’ को भेजने का आदेश दिया, लेकिन आज तक किसानों की कमेटी से कोई बातचीत नहीं करवाई गई।
डॉ. शेखावत ने कहा कि 15 वर्षों से लगातार आंदोलन कर रहे किसानों और कॉलोनीवासियों का धैर्य अब जवाब दे चुका है। अब वे सोमवार को पैदल मार्च करते हुए विधानसभा तक पहुंचेंगे और घेराव करेंगे। यदि सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानीं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश