मंत्री डॉ. किरोडी लाल मीणा ने किया किसानों को आधुनिक कृषि प्रौद्योगिकी से जुड़ने का आह्वान

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मंत्री डॉ. किरोडी लाल मीणा ने किया किसानों को आधुनिक कृषि प्रौद्योगिकी से जुड़ने का आह्वान


बीकानेर, 25 मार्च (हि.स.)। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में मंगलवार को तीन दिवसीय किसान मेला प्रारंभ हुआ।

कृषि मंत्री डॉ. किरोडी लाल मीणा ने किसान मेले का उद्घाटन किया और मेले में लगी विभिन्न स्टाल्स का अवलोकन कर किसानों को दी जा रही विभिन्न तकनीकों, प्रौद्योगिकी, नवाचारों और विश्विद्यालय द्वारा किए जा रहे कृषि अनुसंधान की जानकारी ली।

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि विषम जलवायु परिस्थितियों के बावजूद कृषि उत्पादन में राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है।

किसान आधुनिकतम कृषि प्रौद्योगिकी को अपनाते हुए सुनियोजित कृषि करें तो निश्चित ही लाभकारी कृषि की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है। केंद्र और राज्य सरकार किसान के हित में कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है।

जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु वर्मीकम्पोस्ट यूनिट, ग्रीन हाउस, पोली हाउस, सिंचाई पाइपलाइन, बूंद बूंद सिंचाई, सौर ऊर्जा प्लांट ,लगाने के लिए सब्सिडी दी जा रही। किसान इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लें।

उन्होंने कहा कि पॉली हाउस, स्प्रिंकलर आदि में राज्य सरकार द्वारा 95 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों के लिए अधिकतम भरपाई सुनिश्चित करवाई जाएगी। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।उन्होंने कहा कि किसान को उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। 30.41 लाख मैट्रिक टन यूरिया उपलब्ध करवाया गया। सरकार ने अब तक सूक्ष्म संयंत्र के लिए 605.14 करोड, कृषि संयंत्रों में 163.9 करोड़ की सब्सिडी किसानों को दी है। पौध संरक्षण, कस्टम हायरिंग सेंटर में भी सब्सिडी दी गई है। 9.67 लाख सायल हेल्थ कार्ड वितरित किए गए हैं। आगामी सीजन में डीएपी तथा यूरिया की कालाबाजारी नहीं हो इसके लिए एडवांस में व्यवस्था की जाएगी।‌

उन्होंने बताया कि 4 हजार से अधिक डिग्गिया, 19 हजार 538 किमी लम्बाई में सिंचाई की पाइपलाइन बनवा कर 32.85 करोड़ की सब्सिडी दी गई है। आगामी वर्ष में 25 हजार फार्म पोंड, 10 हजार डिग्गिया और 10 हजार किमी में सिंचाई पाइपलाइन बनवाईं जाएगी। प्राकृतिक रूप से आने वाली व्यापक चुनौतियां का सामना करने में किसानों को सरकार का हरसंभव सहयोग रहेगा।

उन्होंने किसानों से केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लेने का आह्वान किया। मेले में 101 स्टाल्स का अवलोकन करते हुए उन्होंने विश्विद्यालय द्वारा तैयार उत्पादों, बीजों व अन्य अनुसंधानों की सराहना की।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित विभिन्न पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।

राजस्थान वेटरनरी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ ए के गहलोत, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरुण कुमार, वित्त नियंत्रक पवन कस्वां ने भी विचार रखे।

इससे पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर मेले का विधिवत शुभारंभ किया। प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ नीना सरीन ने स्वागत उद्बोधन दिया और मेले की रुपरेखा बताई। इस दौरान रजिस्ट्रार निकया गोएन, संयुक्त निदेशक कृषि कैलाश चौधरी, आत्मा की उपनिदेशक ममता चौधरी सहित विश्वविद्यालय तथा कृषि विभाग के अन्य अधिकारी ,अधिष्ठाता , वैज्ञानिक तथा किसान उपस्थित रहे।

मेले के पहले दिन फल सब्जी तथा बाजार और अन्य मिलेटस आधारित प्रतियोगिताए आयोजित की गई। मिलेटस आधारित प्रतियोगिता में मीना कुमारी बैरवा ने आचार व्यंजन ने प्रथम, द्वितीय स्थान पर सुमन ने बाजरे का नमकीन ढोकला बनाकर, सोना ने बाजरे का मीठा ढोकला बना कर तीसरा स्थान प्राप्त किया। आत्मा द्वारा किसानों को फसल उत्पादन, पशुपालन, बागवानी तथा नवाचार जैसी गतिविधियों में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले ओमप्रकाश, हस्तुदेवी, प्रेम सिंह, भागीरथ, संतकुमार, रामेश्वर लाल आदि शामिल हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

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