अनूपपुर: रेलवे फ्लाईओवर ब्रिज फरवरी 26 में तक होगा पूर्ण, संघर्ष समिति काे मिला लिखित आश्वासन



अनूपपुर, 21 मार्च (हि.स.)। जिले का बहुप्रतीक्षित रेलवे फ्लाईओवर ब्रिज नौ वर्षो से निर्माणाधीन है, लेकिन अब तक पूरा नहीं हो सका है। निर्माण की धीमी गति के कारण कछुआ चाल से आगे बढ़ रहा है, जिससे जिले के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिसे लेकर शुक्रवार को कांग्रेस जिला जिलाध्यक्ष रमेश सिंह के नेतृत्व में अनूपपुर थाना चौराहे के पास अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन प्रारंभ किया। इसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और रेलवे का इंजीनियरिंग विभाग के साथ फ्लाईओवर ब्रिज निर्माण करने वाली कंपनी श्रीराम कंस्ट्रक्शन ने लिखित देते हुए फरवरी 2026 तक पूर्ण करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद कांग्रेस का क्रमिक अनशन समाप्त हुआ।
इस दौरान रेलवे संघर्ष समिति के अध्यक्ष आशीष त्रिपाठी, कांग्रेस पिछड़ा वर्ग जिला अध्यक्ष रजन राठौर, करतार सिंह, शिवकुमार गुप्ता, वासुदेव चटर्जी, गिरीश पटेल, चंद्रकांत पटेल, गुलाब पटेल, पार्षद रियाज खान, समाजसेवी विनोद सोनी (गुड्डा भैया), जनपद सदस्य सुनील इक्का, नरेंद्र सिंह फुनगा, देववती राठौर सहित कांग्रेसजन व नगर के व्यापारी आमजन शामिल रहें।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष रमेश सिंह ने बताया कि जिला मुख्यालय अनूपपुर फ्लाई ओवर ब्रिज न बनने से शहर दो भागों में विभाजित हो गया हैं,जिससे लोगो काफी कठनाईयों का समाना करना पड़ रहा हैं। दो दशक से बहुप्रतीक्षित रेल्वे फ्लाईओवर निर्माण का कार्य धीमी गति से होने से इधर व उधर के लोगो का संपर्क टूट सा गया है। इससे व्यापारियों के व्यवसाय पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। एक ओर जिला चिकित्सालय, जिला न्यायालय, तहसील कार्यालय तथा महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थानों के कारण नागरिकों सहित दूर दराज से आने जाने वाले लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा हैं। जिसे शीघ्र पूर्ण किए जाने की आवश्यकता है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने बताया इस फ्लाईओवर ब्रिज के निर्माण के लिए अब तक पांच बार भूमि पूजन किया जा चुका है। विधायक, मंत्री, प्रभारी मंत्री से लेकर खुद तात्कालिक मुख्यमंत्री शामिल हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि ब्रिज आज भी अधूरा पड़ा है।
ज्ञात हो कि इस फ्लाई ओवर ब्रिज के न बनने से शहर दो भागों में विभाजित हो गया हैं,एक तरफ जिला अस्पताल, तहसील, जिला न्यायालय और महाविद्यालय जैसे महत्वपूर्ण संस्थान हैं, तो वहीं दूसरी तरफ बस स्टैंड, संयुक्त कलेक्ट्रेट कार्यालय और पुलिस लाइन जैसी प्रमुख सरकारी संस्थाएं हैं। इस वजह से आम जनता को जरूरी कामों के लिए 6 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है, जिससे समय और पैसे की बर्बादी हो रही है। करीब 12 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस फ्लाईओवर का निर्माण कार्य समय पर पूरा नहीं होने से सवाल उठने लगे हैं। आखिर किन कारण से यह महत्वपूर्ण परियोजना नौ सालों से अटकी हुई है? स्थानीय लोगों में इस देरी को लेकर भारी आक्रोश है। आम जनता ने प्रशासन और सरकार से जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा करने की मांग की है, ताकि आए दिन होने वाली परेशानी से राहत मिल सके।
वहीं शाम को जिला प्रशासन हरकत में आया और अपर कलेक्टर डीके पाण्डेय, नायब तहसीलदार अनुपम पाण्डेय कोतवाली नगर निरीक्षक अरविन्द जैन सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचकर रेलवे का इंजीनियरिंग विभाग का पत्र सौंपा जिसमे कहा गया हैं कि जून 25 माह के प्रथम सप्तााह में गाटर लगाने व माह सितंबर 25 में अपना कार्य पूर्ण कर स्थानिय ठेकेदार को सौंप देगे । वहीं फ्लाईओवर ब्रिज निर्माण करने वाली स्थानिय कंपनी श्रीराम कंस्ट्रक्शन ने लिखित देते हुए कहा कि रेलवे की एजेंसी द्वारा सौंपे जाने के माह माह के अंदर कार्य पूर्ण करने में समय लगेगा जो फरवरी 2026 तक पूर्ण करने का आश्वासन दिया।
फ्लाईओवर हेतु बैठक 24 मार्च को
एस.ई.सी. रेलवे में प्रस्तावित फ्लाईओवर अनूपपुर लाइन हेतु परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा जिसमें भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण मंजूरी और अन्य स्थानीय मुद्दे आदि शामिल हैं के लिए कलेक्टर हर्षल पंचोली की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित नर्मदा सभागार में 24 मार्च को शाम 5 बजे से बैठक आयोजित की गई है। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को बैठक में आवश्यक जानकारियों के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला