मप्र विधानसभा में उठा स्वास्थ्य का मुद्दा, रीति पाठक ने कहा- रीवा की तरह पूरे प्रदेश पर ध्यान दें स्वास्थ्य मंत्री

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मप्र विधानसभा में उठा स्वास्थ्य का मुद्दा, रीति पाठक ने कहा- रीवा की तरह पूरे प्रदेश पर ध्यान दें स्वास्थ्य मंत्री


भोपाल, 24 मार्च (हि.स.)। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के नौवें और अंतिम दिन सदन में भाजपा विधायक रीति पाठक ने स्वास्थ्य का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सीधी जिला चिकित्सालय में मेडिकल एक्सपर्ट के 37 पद हैं। इनमें से 25 खाली हैं। मेडिकल ऑफिसर्स के 26 पदों में से 6 पद खाली हैं। ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य सेवाएं कैसे अच्छे से चल सकती हैं। उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र कुमार शुक्ल को रीवा के अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की तरह सीधी और पूरे प्रदेश के लिए भी ध्यान देना चाहिए। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री शुक्ल ने कहा कि सुधार के लिए प्रयास जारी हैं। जहां दिक्कत होती है, वहां एनएचएम के माध्यम से सेवाएं दिलाने का काम किया जा रहा है। जैसे ही पद भर जाएंगे, डॉक्टर की पोस्टिंग की जाएगी।

विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक रीति पाठक ने सीधी में मेडिकल कॉलेज के लिए पीपीपी मोड पर निर्माण कार्य करने अब तक कोई निविदा नहीं जारी होने का मामला उठाते हुए कहा कि यह संभव ही नहीं है क्योंकि सीधी में विरोधाभास बहुत है, इसलिए सरकार को खुद यहां मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए काम करना चाहिए। इस पर स्वास्थ्य मंत्री शुक्ल ने कहा कि यह नीतिगत फैसला है। सरकार पीपीपी मोड को तेजी से बढ़ा रही है। 30 मार्च तक दूसरी बार ऑफर आएगा, इसके बाद स्थिति स्पष्ट होगी।

कांग्रेस विधायक अजय सिंह ने कहा कि मैं विधायक पाठक का समर्थन करता हूं। सीधी एक पिछड़ा और आदिवासी जिला है। सीधी से पीपीपी मॉडल स्थगित किया जाना चाहिए। गरीब आदिवासी जिलों में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण न कराया जाए बल्कि सरकार सीधे यह निर्माण कार्य कराए। मंत्री जिसे चाहेंगे, उसे टेंडर मिल जाएगा। इस पर स्वास्थ्य मंत्री शुक्ल ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सब कुछ पारदर्शी तरीके से हो रहा है। ई टेंडर के माध्यम से काम होगा।

वहीं, कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने प्रदेश में शिशु और गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर का मामला उठाया। इस पर डिप्टी सीएम राजेंद्र कुमार शुक्ला ने कहा कि मातृ, शिशु मृत्यु दर के मामले में पहले के मुकाबले मध्य प्रदेश की स्थिति में सुधार हुआ है। हालांकि, अभी इसमें और सुधार की जरूरत है। उन्होंने कैग की रिपोर्ट के मामले में कहा कि इस पर सरकार सख्त है और तेजी से कार्रवाई करेंगे।

विधानसभा में कांग्रेस विधायक मुकेश मल्होत्रा ने पूछा कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 25 नवंबर 2017 को शिवपुरी जिले में शबरी माता आश्रम बनाने की घोषणा की थी। इसका क्या हुआ? इस पर संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि शिवपुरी जिले में शबरी माता के नाम पर आश्रम और कम्युनिटी सेंटर बनाए जाने के लिए दो हेक्टेयर जमीन आवंटित कर दी गई थी। प्रस्ताव आदिम जाति कल्याण विभाग को भेजा गया। विभाग की ओर से राशि नहीं दी गई। बजट के कारण काम रुका। उन्होंने कहा कि 2018 में कांग्रेस की सरकार बन गई। इसके बाद इस घोषणा पर कोई काम नहीं हुआ। फिर कोरोना काल आ गया। इसके बाद शबरी माता आश्रम के लिए 55 लाख रुपये की राशि दी गई थी। लेकिन जमीन वन भूमि में होने के कारण काम की अनुमति नहीं दी गई।

विधानसभा में कांग्रेस ने भाजपा विधायकों को उनके क्षेत्र में विकास के लिए 15 करोड़ रुपये का फंड दिए जाने का मामला उठाया। इस पर मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि यह सिर्फ अखबारबाजी है। ऐसा कुछ नहीं हुआ है। कांग्रेस विधायक राजेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि सदन में इसे जुमला बताया जा रहा है। जबकि इसके पहले भाजपा के विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार ने सदन में अपने उद्बोधन में कहा है कि सरकार ने 15 करोड़ रुपये क्षेत्र के विकास के लिए दिए हैं। सरकार दो तरह की बात कर रही है।

आदिवासी वेशभूषा में विधानसभा पहुंचे विधायक कालू सिंह

वहीं, धर्मपुरी से बीजेपी विधायक कालू सिंह ठाकुर सोमवार को पारंपरिक आदिवासी वेशभूषा में विधानसभा पहुंचे। उन्होंने कहा कि मैं इस बात से बेहद खुश हूं कि विधानसभा का सत्र जितने दिनों के लिए बुलाया गया था, उतने दिन चला। इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष ने जनता से जुड़े प्रश्न उठाए।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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