मप्र विधानसभा में कांग्रेस विधायक ने पूछा- आउटसोर्स कर्मचारियों को क्यों नहीं मिलती सुविधा

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मप्र विधानसभा में कांग्रेस विधायक ने पूछा- आउटसोर्स कर्मचारियों को क्यों नहीं मिलती सुविधा


भोपाल, 21 मार्च (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन शुक्रवार को सदन में आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित कर्मियों की तरह सुविधाएं देने नहीं मिलने का मामला उठाया। पृथ्वीपुर के कांग्रेस विधायक नितेंद्र सिंह राठौर ने संविदा कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों की तरह सुविधा देने का मामला उठाते हुए कहा कि पूरा काम लिए जाने के बाद भी शासकीय कर्मचारियों के समान वेतन भत्ते और अन्य सुविधाएं नहीं दी जाती हैं। इस तरह का अन्याय हो रहा है इस मामले में सरकार क्या करने जा रही है।

इसके जवाब में मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा के दृष्टि से राष्ट्रीय पेंशन योजना का लाभ दिए जाने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि संविदा कर्मचारियों को राज्य शासन के नियमित पदों के विरुद्ध प्रदर्शित किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। राष्ट्रीय पेंशन योजना का लाभ देने और उपादान (सामग्री) के लिए वित्त विभाग द्वारा नियम बनाए जा रहे हैं। इसमें तीन से चार महीने का समय लगेगा।

इसी तरह का एक मामला पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी विधायक जयंत मलैया ने उठाया। उन्होंने पूछा कि विभागों और शासकीय उपक्रमों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों के भविष्य के लेकर सरकार क्या फैसला करने जा रही है। आउटसोर्स कर्मचारी को वार्षिक आधार पर कितने प्रतिशत वृद्धि दी जाती है। उनके सुरक्षित भविष्य के लेकर शासन की कोई कार्य योजना है या नहीं।

इसके जवाब में मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं जरूरत के हिसाब से ली जाती हैं। आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवा शर्तें नियमित कर्मचारियों के समान न होकर अलग होती हैं। इस पर मलैया ने कहा कि हमारा राज्य वेलफेयर स्टेट है। इसलिए उनका ध्यान रखना चाहिए। इस पर सागर से भाजपा विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा कि यह मानवीय हितों से जुड़ा मुद्दा है। 15 साल, 17 साल तक आउटसोर्स की नौकरी करने वाले बगैर सोशल सिक्योरिटी के रिटायर हो जाते हैं। इसलिए कुछ ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए।

इससे पहले प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक विजय रेव नाथ चौरे ने सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों की जानकारी मांगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में कई विसंगतियां भी हैं, जिसका निराकरण करने के लिए एक कमेटी बनाए जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बनने वाली कमेटी में जो शिकायतें गड़बड़ पाई जाएंगी उनका निराकरण हो सकेगा। इसके जवाब में राज्य मंत्री राधा सिंह ने कहा कि वर्तमान में सीएम हेल्पलाइन में कुल 564440 शिकायतें हैं। इसमें राजस्व विभाग की 96727 शिकायतें हैं। मंत्री राधा सिंह ने बताया कि लोक सेवा प्रबंधन विभाग के पत्र के अनुसार जिस विभाग से संबंधित शिकायत होती है, उस विभाग को निराकरण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वर्तमान में सीएम हेल्पलाइन पर 98% शिकायतें निराकृत हैं।

बीजेपी विधायक ने उठाया भवन विहीन आंगनबाड़ी का मुद्दा

बीजेपी विधायक नीरज सिंह ठाकुर ने बरगी विधानसभा क्षेत्र की भवन विहीन आंगनबाड़ी का मामला उठाया। उन्होंने पूछा कि अगले 4 साल में 256 आंगनवाड़ी में भवन बना लिए जाएंगे या नहीं। इसके जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि बरगी विधानसभा के लिए जैसे-जैसे बजट मिलेगा, आंगनबाड़ी भवन बनते जाएंगे। विधायक ठाकुर ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में क्या 50 आंगनबाड़ी भवन बन जाएंगे। इस पर मंत्री ने कहा कि आंकड़े बताना ठीक नहीं है। लेकिन जैसे-जैसे राशि मिलती जाएगी, भवन बनते जाएंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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