लंगर मानवता की सेवा का प्रतीक है: बलबीर

जम्मू , 25 मार्च (हि.स.)। लंगर केवल परंपरा नहीं है यह मानवता की सेवा का सच्चा प्रतीक है। यह निःशुल्क सामुदायिक भोजन सेवा समाज में भाईचारे, समानता और करुणा का संदेश फैलाती है। गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्ट्रीय महासचिव, ब्रिटिश रविदासिया हेरिटेज फाउंडेशन की भारतीय शाखा के महासचिवऔरबेगमपुरा विश्व महासभा के सदस्य बलबीर राम रतन ने लंगर वितरण कार्यक्रम के दौरान यह बात कही।
बलबीर राम रतन ने कहा कि गुरुद्वारों से शुरू हुई यह पवित्र परंपरा अब धर्म, जाति और सीमाओं से परे एक वैश्विक आंदोलन बन गई है, जो भूख से लड़ने और जरूरतमंदों की मदद करने के लिए समर्पित है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लंगर का प्राथमिक उद्देश्य जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराना और समाज में समानता को बढ़ावा देना है। यह सेवा सुनिश्चित करती है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे उसका धर्म, जाति, लिंग या सामाजिक स्थिति कुछ भी हो, भूखा न रहे। लंगर में परोसा जाने वाला भोजन पूरी तरह से शाकाहारी होता है ताकि हर कोई बिना किसी धार्मिक या सांस्कृतिक प्रतिबंध के इसे ग्रहण कर सके। उन्होंने आगे कहा कि लंगर सिर्फ भोजन उपलब्ध कराने का साधन नहीं है यह समाज में समावेशिता और सेवा की भावना को भी बढ़ावा देता है।
इस अवसर पर प्रेम गुप्ता ने कहा कि अब आपदाग्रस्त क्षेत्रों, अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों और विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर लंगर सेवाओं का आयोजन किया जा रहा है। महामारी और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान लंगर सेवाओं ने लाखों लोगों को राहत पहुंचाई है। विभिन्न संगठन और स्वयंसेवक इस सेवा में भाग ले रहे हैं जिससे इसका दायरा और बढ़ रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता