सिरसा: उपमंडल बनने के बाद ही स्थायी न्यायालय संभव: न्यायाधीश

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सिरसा: उपमंडल बनने के बाद ही स्थायी न्यायालय संभव: न्यायाधीश


सिरसा, 28 मार्च (हि.स.)। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस संजय वशिष्ठ शुक्रवार को रानियां पहुंचें और ग्राम न्यायालय का निरीक्षण किया।

रानियां बार एसोसिएशन के सचिव एडवोकेट रण्जीत सिंह ने न्यायाधीश जस्टिस संजय वशिष्ठ के समक्ष चैंबर निर्माण के लिए तीन कनाल जगह उपलब्ध करवाने, ग्राम न्यायालय के साथ लगती अन्य भूमि को ग्राम न्यायालय को उपलब्ध करवाने की मांग सहित रानियां ग्राम न्यायालय को स्थाई न्यायालय बनाने सहित अनेक मांगें रखी। उन्होंने यह भी कहा कि रानियां क्षेत्र के ज्यादातर मामले ऐलनाबाद सब डिविजन न्यायालय में विचाराधीन हैं जिसके लिए लोगों को 30 किलोमीटर का सफर तय करके रानियां की जगह ऐलनाबाद जाना पड़ता है, ऐसे मामले सिविल कोर्ट कैंप के माध्यम से रानियां ग्राम न्यायालय में सुने जाएं ताकि लोगों को सुविधा हो सके।

बार एसोसिएशन की मांगों के देखते हुए न्यायाधीश ने कहा कि रानियां को स्थायी न्यायालय बनाने के लिए पहले उपमंडल का होना जरूरी है तभी स्थायी न्यायालय बनाया जा सकता है जिसके लिए उन्होंने अधिवक्ताओं को सरकार से सब डिविजन बनाने की मांग का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि जैसे ही रानियां सब डिविजन बन जाएगा तभी स्थायी न्यायालय का निर्माण भी हो सकेगा। उन्होंने दूसरी मांगों पर बोलते हुए कि वे अपनी मांगों को जिला एवं सत्र न्यायाधीश के मामध्य से उच्च न्यायालय तक पहुंचाएं जिन्हें कमेटी के समक्ष रखकर पूरा करवाया जाएगा। वहीं जिला एवं सत्र न्यायाधीश वाणी गोपाल शर्मा ने कहा कि वे रानियां ग्राम न्यायालय की मांगों को पूरा करवाने के लिए प्रयासरत हैं। न्यायाधीश जस्टिस संजय वशिष्ठ ने ग्राम न्यायालय परिसर में पौधारोपण किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Kumar

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