जींद : आशा वर्करों ने मांगों को लेकर सीएमओ कार्यालय पर किया प्रदर्शन

जींद, 24 मार्च (हि.स.)। आशा वर्कर्स एंड फैसिलिटेटर फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर सोमवार को आशा वर्कर्स एवं फैसिलिटेटरों ने सीएमओ कार्यालय पर प्रदर्शन किया और तहसीलदार माध्यम से केंद्र सरकार को मांगों को लेकर ज्ञापन भेजा। प्रदर्शन का नेतृत्व जिला प्रधान नीलम, जिला सचिव राजबाला ने किया।
उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में आशा वर्कर्स अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर असांदोलनरत हैं लेकिन उनकी समस्याओं का निदान नही किया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा पिछले 12 वर्ष से आशा की प्रोत्साहन राशि में कोई बढ़ोत्तरी नही की गई है आशाओं के काम केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बढ़ा रही है। आशा वर्कर से फील्ड में स्वास्थ्य से संबंधित सारे कार्यों को करते हुए उनका रखरखाव रखने का दबाव बनाया जाता है। अब तो सरकार ने हद ही कर दी है आशा वर्कर्स को बिना कोई प्रोत्साहन राशि दिए डिजिटल कार्य भी करवा रही है। जिस देश की तमाम 10 लाख आशा वर्कर्स बहुत परेशान हैं।
उन्होंने मांग की कि एनएचएम को स्थायी प्रोग्राम बनाकर आशा वर्कर को पक्का कर्मचारी बनाया जाए। जब तक पक्का कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक 45वें 46 वें श्रम सम्मेलन की सिफारिश को लागू करते हुए आशाओं को न्यूनतम वेतन 26 हजार दिया जाए। पूरे देश में एक समान कार्य परिस्थितियां सुनिश्चित कि जाएं। छह माह का सवेतन मातृत्व अवकाश, 20 दिन का आकस्मिक अवकाश और चिकित्सा अवकाश सुनिश्चित किया जाए। पेंशन तक कोई सेवानिवृत्ति नही की जाए। आशा कार्यकर्ताओं की वरिष्ठता के आधार पर अन्य पदों पर पदोन्नति सुनिश्चित कि जाएं। सभी पीएचसी, सीएचसी और अस्पतालों में आशा विश्राम कक्ष बनाए जाएं। आशा कार्यकर्ताओं को स्कूटर दिया जाए तथा ड्यूटी के लिए यात्रा व्यय का भुगतान किया जाए। डिजिटलीकरण के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले टैबलेट, डेटा पैक, नेटवर्क और प्रशिक्षण उपलब्ध करवाई जाए। सभी तरह के ऑनलाइन काम के आशा वर्कर्स को इंसेंटिव दिए जाएं।
हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा