शौर्य वाटिका ओपन एयर म्यूजियम की शान बढ़ाएंगे टीयू-148 एयरक्राफ्ट व एसके43 बी हेलिकॉप्टर

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शौर्य वाटिका ओपन एयर म्यूजियम की शान बढ़ाएंगे टीयू-148 एयरक्राफ्ट व एसके43 बी हेलिकॉप्टर


यूपी पर्यटन विभाग चेन्नई एयरबेस से दोनों एयरक्राफ्ट्स को डिस्मैंटल कर लाएगा लखनऊ

लखनऊ, 28 मार्च(हि.स.)। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने नौसेना शौर्य संग्रहालय से जुड़े निर्माण व विकास कार्यों में तेजी लाने की तैयारी कर रही है। सीएम योगी के विजन को मिशन मानकर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने इस विषय में तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बीच, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग शौर्य वाटिका ओपन एयर म्यूजियम की शान में इजाफा करने के लिए कारगिल युद्ध में बड़ी भूमिका निभाने वाले टीयू-148 एयरक्राफ्ट व एसके43बी हेलिकॉप्टर को लखनऊ लाने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है।

पर्यटन विभाग द्वारा तैयार की गई योजना के अनुसार, चेन्नई के निकट स्थित आईएनएस राजली एयरबेस पर दोनों एयरक्राफ्ट्स को डिस्मैंटल कर लखनऊ लाया जाएगा। यहां पर वापस हेलिकॉप्टर व एयरक्राफ्ट के सभी पुर्जों को रीकैलिबरेट करते हुए अत्याधुनिक वातानुकूलन प्रणाली से लैस किया जाएगा। वहीं, शौर्य वाटिका में शौर्य स्मारक पार्क के विभिन्न कार्यों की पूर्ति में भी तेजी लायी जाएगी। यहां बैटल सिमुलेशन, गैलेंट्री अवॉर्ड वॉल, प्रसिद्ध युद्धों के विवरण तथा नौसेना के इतिहास को प्रदर्शित करने वाली विभिन्न सुविधाओं और प्रक्रियाओं की पूर्ति के कार्य भी जल्द पूरे किए जाएंगे।

नौसेना शौर्य संग्रहालय में शौर्य वाटिका ओपन एयर म्यूजियम का निर्माण व विकास किया जाएगा जिसमें कारगिल युद्ध के दौरान बड़ी भूमिका निभाने वाले तथा वर्तमान में डीकमीशंड हो चुके टीयू-148 एयरक्राफ्ट व एसके43बी हेलिकॉप्टर को स्थापित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि भारतीय नौसेना में 8 सोवियत टीयू-142 एमकेई एयरक्राफ्ट का संचालन 1988 से 2017 तक यानी 29 वर्षों तक किया गया जिसे बाद में पोसाइडन एयरक्राफ्ट से रिप्लेस किया गया। टीयू-142 एमकेई एयरक्राफ्ट 53.08 मीटर लंबा विमान है जिसका विंग स्पैन 50 मीटर तथा ऊंचाई 12.12 मीटर है। यह 90 हजार किग्रा वजनी विमान 1.85 किग्रा टेकऑफ वेट के साथ उड़ान भरने में सक्षम था। वहीं, नौसेना में 1970 के दशक में शामिल किए गए वेस्टलैंड सी-किंग हेलिकॉप्टर के एमके 42बी वेरिएंट को 1980 के दशक में शामिल किया गया था। इसने कारगिल समेत विभिन्न कॉम्बैट व रिलीफ ऑपरेशंस में बड़ी भूमिका निभाई है। हेलिकॉप्टर 17.02 मीटर लंबा, 5.3 मीटर ऊंचा और 9,707 किग्रा के अधिकतम टेकऑफ लोड के साथ उड़ान भरने में सक्षम है।

इन दोनों ही एयरक्राफ्ट्स को चेन्नई के पास स्थित नौसेना के राजली एयरबेस पर डिस्मैंटल करके लखनऊ लाने की योजना है। लखनऊ में इन एयरक्राफ्ट्स के कलपुर्जों को वापस से कैलिबरेट करते हुए अत्याधुनिक वातानुकूलन प्रणाली से लैस कर स्थापित किया जाएगा। इस कार्य को पूरा करने के लिए विशिष्ट टीम के गठन की प्रक्रिया जारी है।

ओपन एयर म्यूजियम में आने वाले टूरिस्ट इन दोनों एयरक्राफ्स् में बैठने का आनंद ले सकेंगे। उन्हें इन एयरक्राफ्ट्स के इंटीरियर टूर की सुविधा मिलेगी जहां वह इन विमान से जुड़ी बारीकियों, इनके संचालन, महत्व और कॉम्बैट व रेस्क्यू ऑपरेशंस में रही भूमिका के बारे में अवगत हो सकेंगे। ये विमान युवाओं को भारतीय सशस्त्र बलों की गौरवगाथा जानने के लिए प्रेरित करने का माध्यम बनेंगे। यहां स्टूडेंट टूर समेत विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का संचालन किया जाएगा जिससे उन्हें भारतीय सेना में करियर ऑप्शंस के बारे में जानकारी भी दी जाएगी। वहीं, नौसेना शौर्य संग्रहालय में शौर्य स्मारक पार्क समेत विभिन्न कार्यों को भी पूरा करने की तैयारी है। संग्रहालय में बैटल सिमुलेशन के लिए वर्चुअल रिएलिटी (वीआर) और ऑग्युमेंटेड रिएलिटी (एआर) जैसी तकनीकों का सहारा लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त गैलेंट्री अवॉर्ड वॉल की स्थापना, प्रसिद्ध युद्धों के विवरण तथा नौसेना के इतिहास प्रदर्शित करते विभिन्न उपकरणों की स्थापना व प्रदर्शनी के कार्य में भी तेजी लायी जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / मोहित वर्मा

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