राज्यभर में सरस डेयरियां करेंगी घी-दूध की निशुल्क जांच

जयपुर, 23 मार्च (हि.स.)। अब आप अपने घर में उपयोग किए जा रहे घी और दूध की निशुल्क जांच करा सकते हैं। चाहे घी-दूध खुला हो या पैक्ड, किसी भी ब्रांड का हो, आपको बस 50 एमएल कच्चे दूध या घी का सैंपल अपने नजदीकी जिला दुग्ध संघ की प्रयोगशाला में लेकर जाना होगा। वहां अत्याधुनिक मशीनों से जांच कर आपको घर बैठे जांच परिणाम की जानकारी दी जाएगी।
राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (आरसीडीएफ) ने पहली बार राज्यभर की सभी सरस डेयरियों में घी-दूध की निशुल्क जांच सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इससे उपभोक्ताओं को दूध और इससे बने उत्पादों की गुणवत्ता एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता मिलेगी और मिलावट पर भी प्रभावी रोक लग सकेगी।
कहां और कैसे कराएं जांच?
आरसीडीएफ की प्रशासक एवं प्रबंध संचालक श्रुति भारद्वाज ने बताया कि उपभोक्ता राज्यभर की सरस डेयरियों में अपने घी-दूध अथवा दूध से बने अन्य उत्पादों के सैंपल किसी भी कार्यदिवस में कार्यालय समय में जमा करा सकते हैं। संबंधित जिला दुग्ध संघ की गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला विभिन्न मानकों पर सैंपल की जांच करेगी और निर्धारित समय में उपभोक्ताओं को जांच परिणाम से अवगत कराएगी। इस जांच प्रक्रिया में घी-दूध के पोषक तत्वों और मिलावटी तत्वों की विस्तृत जांच की जाएगी।
अत्याधुनिक मशीनों से होगी जांच
उन्होंने बताया कि जिला दुग्ध संघों द्वारा अत्याधुनिक जीसी (गैस क्रोमेटोग्राफी) और एफटीआईआर बेस्ड मशीनों का उपयोग किया जाएगा, जो घी-दूध में 35 तरह की मिलावट का पता लगाने में सक्षम हैं। जयपुर, अजमेर और भीलवाड़ा जैसी बड़ी डेयरियों में घी की जांच जीसी इंस्ट्रूमेंट से होगी, जबकि अन्य डेयरियों में केमिकल टेस्ट के आधार पर जांच की जाएगी। उपभोक्ता आरसीडीएफ से संबद्ध 24 जिला दुग्ध संघों की गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं या जयपुर स्थित सरस की केंद्रीय प्रयोगशाला में सुबह 9:30 बजे से शाम 6 बजे तक जांच के लिए संपर्क कर सकते हैं।
पिछले अभियानों की सफलता
श्रुति भारद्वाज ने बताया कि आरसीडीएफ उपभोक्ताओं को शुद्ध, पौष्टिक और उच्च गुणवत्ता वाला दूध एवं इससे बने उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। हाल ही में चलाए गए सरस अमृतम अभियान और दूध का दूध, पानी का पानी अभियान को जबरदस्त सफलता मिली।
सरस अमृतम अभियान के तहत राज्यभर में 4491 औचक निरीक्षण किए गए और 7943 सैंपल लिए गए। वहीं, दूध का दूध, पानी का पानी अभियान (10-30 जनवरी) के दौरान 10 हजार से अधिक सैंपल जांचे गए, जिसमें खुले दूध और अन्य ब्रांड्स के 48 प्रतिशत सैंपल सब-स्टैंडर्ड पाए गए, जबकि सरस डेयरी के 100 प्रतिशत सैंपल मानकों पर खरे उतरे।
आरसीडीएफ ने खाद्य सुरक्षा विभाग को सब-स्टैंडर्ड दूध की जांच रिपोर्ट भेजकर मिलावट पर सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित