काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने पीएचडी प्रवेश अनियमितता पर दी सफाई, पात्रता मापदंड की समीक्षा के लिए बनाई गई समिति

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय पूरी तरह से पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि छात्रों के हितों को सुरक्षित रखते हुए समय पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जा सके। इसी उद्देश्य से समावेशन अध्ययन केंद्र में पात्रता मापदंड की समीक्षा करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। यह समिति सक्रिय रूप से समीक्षा कर रही है और नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
अब तक 654 सीटों पर हुआ प्रवेश
पीएचडी प्रवेश 2024-25 की प्रक्रिया के तहत अब तक रेट-मेन श्रेणी में 354, रेट एलाइड में 55, रेट-मुक्त मेन श्रेणी में 239 और रेट-मुक्त एलाइड श्रेणी में 26 सीटों पर प्रवेश हो चुका है। इस प्रकार कुल 654 सीटों पर सफलतापूर्वक प्रवेश हो चुके हैं।
हालांकि, विश्वविद्यालय के अधिकांश विभागों ने अभी तक प्रवेश परिणाम घोषित नहीं किए हैं। इस संबंध में शिक्षण अनुभाग द्वारा संबंधित विभागों को जल्द से जल्द परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया गया है, ताकि पूरी प्रक्रिया तय समय पर संपन्न हो सके।
मालवीय शांति अनुसंधान केंद्र में सीटें खाली क्यों?
मालवीय शांति अनुसंधान केंद्र, सामाजिक विज्ञान संकाय में रेट-मुक्त श्रेणी के तहत मुख्य विषय के लिए विज्ञापित तीन सीटें अब तक रिक्त हैं। इसका कारण यह है कि इन सीटों के लिए आवश्यक योग्य उम्मीदवार उपलब्ध नहीं थे।
परीक्षा नियंत्रक के अनुसार, पीएचडी प्रवेश के लिए BHU द्वारा प्रकाशित इनफार्मेशन बुलेटिन 2024-25 के पृष्ठ संख्या 19 में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि यदि किसी श्रेणी में सीटों के लिए पर्याप्त आवेदन नहीं मिलते, तो उन्हें काउंसिलिंग प्रक्रिया शुरू होने से पहले दूसरी श्रेणी में बदला जा सकता है। हालांकि, जब काउंसिलिंग शुरू हो चुकी हो, तब किसी भी श्रेणी की सीटों को दूसरी श्रेणी में बदला नहीं जा सकता।
सीटों के स्थानांतरण को लेकर उठे सवाल
समावेशन अध्ययन केंद्र में रेट-एक्जेम्प्टेड श्रेणी में विज्ञापित सीटों के लिए आवेदकों की संख्या काफी अधिक थी। लेकिन नियमों के अनुसार, काउंसिलिंग प्रक्रिया शुरू होने के बाद रेट-एक्जेम्प्टेड सीटों को रेट श्रेणी में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।
इस संदर्भ में, विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया कि रेट श्रेणी में मुख्य विषय के मेरिट के आधार पर चयनित अभ्यर्थियों की सूची पहले ही जारी की जा चुकी है। आरक्षण नियमों का पालन करते हुए इस श्रेणी में कुल तीन सीटों में से दो सीटें मुख्य विषय (एक अनारक्षित और एक ओबीसी) और एक सीट एलाइड विषय (अनारक्षित) के लिए विज्ञापित की गई थी, जिन पर नियमानुसार प्रवेश सूची प्रकाशित की गई।
छात्रों के प्रदर्शन BHU प्रशासन का बयान
कुछ छात्रों ने प्रवेश प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। उनकी मांग थी कि पीएचडी प्रवेश में पारदर्शिता हो और सभी छात्रों को समान अवसर मिले।
इस पर परीक्षा नियंत्रक प्रो. सुषमा घिल्डियान ने कहा कि BHU छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए पूरी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने दोहराया कि शिकायतों की जांच के लिए बनी समिति सक्रिय रूप से समीक्षा कर रही है और किसी भी उचित सुधार की आवश्यकता हुई तो उस पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।