छप्परपोश मकान में लगी भीषण आग, दो मासूम बच्चियां जिंदा जली

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छप्परपोश मकान में लगी भीषण आग, दो मासूम बच्चियां जिंदा जली


भरतपुर, 2 अप्रैल (हि.स.)। डीग जिले के हिंगोटा गांव में बुधवार को एक छप्परपोश घर में भीषण आग लगने से दो मासूम बच्चियों की जिंदा जलकर मौत हो गई। हादसे के बाद परिजनों में चीख-पुकार मच गई और मातम छा गया। गांव में इस हृदय विदारक घटना से शोक की लहर दौड़ गई।

दोनों बच्चियां मालाखेड़ा की रहने वाली थीं और ईद के अवसर पर अपनी मां के साथ ननिहाल हिंगोटा आई हुई थी। हादसे के समय बच्चियां घर के अंदर खेल रही थीं, तभी अचानक छप्परपोश मकान में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया। जब तक लोग कुछ समझ पाते और आग पर काबू पाते, तब तक दोनों मासूम बच्चियां जिंदा जल गई।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने आग लगने के कारणों की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल मृत बच्चियों के शव घटनास्थल पर ही रखे हुए हैं और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते आग पर काबू पा लिया जाता, तो शायद इन मासूमों की जान बच सकती थी। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

खोह थाना प्रभारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि अलवर के मालाखेड़ा के खरेड़ा गांव निवासी बच्ची वामिका (4) और मुस्कान (3) अपनी मां फरमीना के साथ ईद के मौके पर 31 मार्च को नाना दीनू के घर हिंगोटा आई थी। बुधवार सुबह फरमीना अपने माता-पिता और भाई बहनों के साथ गांव में ही एक व्यक्ति के खेत पर गेहूं की कटाई करने के लिए निकल गई थी। फरमीना के दोनों बेटियां छप्पर में सो रही थी।

बुधवार दोपहर चूल्हे से निकली चिंगारी से छप्पर में आग लग गई। आस-पास के लोगों ने दीनू को छप्पर में आग लगने के सूचना दी। ग्रामीणों ने करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक दोनों बच्चियों की मौत हो गई थी।

हादसे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चियों के शवों को डीग जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि फरमीना ने खेत पर जाने से पहले बच्चों और अपने लिए खाना बनाया था। इस दौरान छप्पर के बाहर बने चूल्हे की आग को अच्छी तरह नहीं बुझाया था। चूल्हे से निकली चिंगारी से छप्पर में आग लग गई।

फरमीना का पति अलवर में मजदूरी करता है। फरमीना के दो बेटियों के अलावा एक दाे साल का बेटा भी है। बेटा पिता के पास ही था, जबकि बेटियां मां के साथ आई थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

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