रेवाड़ी: जातीय भेद को निर्मूल कर सबको समान मानना चाहिए: राधेश्याम
रेवाड़ी, 14 अप्रैल (हि.स.)। रेवाड़ी में विश्व हिंदू परिषद के तत्वावधान में डॉ भीमराव अम्बेडकर की 135वी जयंती के उपलक्ष्य में सामाजिक समरसता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बाबा साहेब के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनकी जयंती पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता माता रमाबाई सामाजिक उत्थान संस्था के प्रधान सेवानिवृत्त कार्यकारी अभियंता विद्युत विभाग बुधराम पंवार ने की। जबकि मुख्यवक्ता के रूप में विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री राधेश्याम मौजूद रहे। सर्वसमाज के गण्यमान्य लोगों ने इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लिया।
मुख्यवक्ता राधेश्याम ने कहा कि आज समाज में जातियों के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है, ताकि समरस और सुरक्षित समाज की अपेक्षा कभी पूरी न हो। जब तक आचरण और व्यवहार में जीवन के उच्चतम मूल्य प्रकट नहीं होंगे, तब तक समाज में समरसता दृष्टिगोचर नहीं हो सकती। जब समानता का भाव स्थापित होगा, तभी आपसी दूरी कम होगी। जातिगत भेदभाव के कारण ही समाज में समरसता का अभाव हुआ और दूरियां बढ़ती गई। समाज में हम छोटी से छोटी जरूरत के लिए परस्पर निर्भर हैं, फिर भी समाज इस भेदभाव को त्यागता नहीं है। अतः हमें जातीय भेद को निर्मूल करके सबको समान मानना होगा। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति ऊंचा नीचा नहीं होता। हम सभी समान हैं।
समाज के सर्वांगीण उत्थान हेतु सभी वर्ग के लोगों का योगदान आवश्यक है। उन्होंने कहा कि श्रीराम इस पूरक भाव को जानते हैं, इसीलिए केवट, भील, कोल, किरात, शबरी, वानर आदि से भेंट प्रसंग में उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति के जीवन और उसके कर्म के प्रति सम्मान का आदर्श प्रस्तुत किया है। इस मौके पर अखिल भारतीय मानव कष्ट निवारण समिति के अध्यक्ष श्योकरण मेहरा सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला