सरकार कर रही छात्रवृति की पेंडेंसी शून्य करने की काेशिश

जयपुर, 24 मार्च (हि.स.)। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि छात्र—छात्राओं को छात्रवृति उपलब्ध कराना विभाग की सतत प्रक्रिया है। राज्य सरकार छात्रवृति की प्रक्रिया में निरंतर सुधार कर रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार की प्राथमिकता है कि छात्रवृति की पेंडेंसी शून्य हो और किसी भी श्रेणी के पात्र छात्र—छात्राएं छात्रवृति से वंचित ना रहे।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री प्रश्नकाल में पूरक प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024—25 के लिए 31 मार्च अंतिम तिथि तय की है। केवल उन्हीं छात्र—छात्राओं की छात्रवृति होल्ड पर है, जिनके आक्षेपों की पूर्ति छात्र—छात्राओं या शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर परीक्षण कर आक्षेपों की पूर्ति के लिए छात्र—छात्राओं को मौके दिए जाएंगे, ताकि वे छात्रवृति से वंचित ना रहें।
गहलेात ने सदन को आश्वस्त करते हुए कहा कि यदि छात्र—छात्राओं के आक्षेप 31 मार्च तक अपलोड नहीं हुए तो अंतिम तिथि को बढ़ाया जा सकता है। सरकार की कोशिश है कि पात्र अभ्यर्थी छात्रवृति से वंचित नहीं रहें।
नेता प्रतिपक्ष के हस्तक्षेप के जवाब में उन्होंने गत वर्षों में जारी की गई छात्रवृति का वर्षवार ब्याैरा भी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
विधायक चेतन पटेल कोलाना के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उन्होंने विभाग द्वारा संचालित उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत शिक्षण संस्थान के स्तर पर कोटा जिले के लम्बित आवेदन जो कि निरस्त किये गये है, ऐसे आवेदकों की वर्गवार एवं वर्षवार संख्यात्मक विवरण पेश किया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा संचालित उत्तर मैट्रिक छात्रवृति योजना केन्द्र सरकार द्वारा प्रदत्त दिशा-निर्देशों के अन्तर्गत संचालित की जाती है। उक्त दिशा-निर्देशों में विद्यार्थियों द्वारा आनलाइन आवेदन पत्र प्रस्तुत करने के बाद 90 दिन में छात्रवृति आवेदन पत्रों के निस्तारण करने का प्रावधान है। विद्यार्थी द्वारा आवेदन की सभी प्रविष्टियां की पूर्ति करने एवं सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने पर योजनान्तर्गत बजट उपलब्धता के आधार पर छात्रवृति से लाभान्वित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि ऐसे आवेदन पत्र जो अपूर्ण अथवा आक्षेपित है वे आवेदन छात्रवृति के लिए अपात्र होते हैं। विद्यार्थी-शिक्षण संस्थाओ के पास (शैक्षणिक सत्र 2016-17 से 2022-23 तक) ऐसे लम्बित आवेदन पत्र जिन्हें अनेक प्रयास यथा मैसेज, 181 हेल्प लाइन द्वारा वॉइस मैसेज, शिक्षण संस्थाओं के साथ विडियों कान्फ्रेस एवं दैनिक समाचार पत्र में विज्ञप्ति द्वारा सूचित करने के उपरान्त भी शिक्षण संस्थाओं द्वारा आक्षेप पूर्ति कर विभाग को अग्रेषित नहीं किये गये, ऐसे आवेदन पत्रों को दिशा-निर्देशों की पालना में निरस्त किया गया है। इन्हें छात्रवृत्ति नही दी जा सकती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित