मंडलाः मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्यों ने स्टेकहोल्डर्स के साथ की समन्वय बैठक

मंडला, 27 मार्च (हि.स.)। मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह एवं डॉ. निवेदिता शर्मा ने गुरुवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में स्टेकहोल्डर्स के साथ समन्वय बैठक की। बैठक में बाल कल्याण समिति के नवनियुक्त पदाधिकारियों से परिचय उपरांत जिले में किशोर एवं बाल अधिकार संरक्षण के संबंध में चल रही संस्थाओं और गतिविधियों की जानकारी ली गई।
सदस्य द्वय ने पॉक्सो तथा जेजेबी से जुड़े विषयों पर विस्तार से जानकारी लेते हुए आवश्यक सुझाव दिए। उन्होंने आंगनवाड़ी केन्द्रों से निकलने वाले बच्चों के शतप्रतिशत प्राथमिक शालाओं में नामांकन एवं शालात्यागी बच्चों की संख्या शून्य रखने पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए ग्रीष्मकाल में गृहभेंट जैसे ईवेंट कर बच्चों का शतप्रतिशत नामांकन किया जाना चाहिए। जिला स्तरीय समिति अध्यक्ष तथा सदस्यों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पॉक्सो के प्रत्येक प्रकरण पर सपोर्ट पर्सन नियुक्त कराएं, किसी भी प्रकरण में सपोर्ट पर्सन न छूटे इसका विशेष ध्यान रखें। पॉक्सो के प्रत्येक मामले की सतत रिपोर्टिंग राज्य स्तर पर करना सुनिश्चित कराएं। सपोर्ट पर्सन का बेसिक ओरिएन्टेशन कराएं।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूलों में आयोजित कराए जाने वाले जागरूकता कार्यक्रमों में केवल गुड टच-बेड टच तक चर्चा को सीमित न करें। इसके आगे भी बच्चों तथा किशोरों को न्यायालयीन प्रक्रिया तथा सजा के प्रावधानों से भी अवगत कराना चाहिए। जिला शिक्षा केन्द्र, एसी ट्राईबल तथा शिक्षा विभाग के अधिकारियों से चर्चा करते हुए सदस्य द्वय ने सुझाव दिया कि यदि कोई विद्यार्थी लगातार बिना उचित सूचना के 30 दिवस से ज्यादा समय तक स्कूल में अनुपस्थित रहता है तो इसकी जानकारी श्रम विभाग को दी जाए।
बैठक के दौरान विभागों से आवासीय विद्यालय, छात्रावास, निजी होस्टल, सेल्टर होम, बालगृह, मदरसा आदिके संबंध में भी जानकारी लेते हुए आवश्यक मार्गदर्शन दिया गया। जेजेबी और पॉक्सो में फील्ड में ट्रेनिंग की संख्या बढ़ाने का भी सुझाव दिया गया। पुलिस विभाग के अधिकारियों से चर्चा करते हुए सदस्य द्वय ने कहा कि पॉक्सो के मामलों को 24 घंटे के भीतर बाल कल्याण समिति के समक्ष लाएं। साथ ही साथ प्रपत्र अ एवं ब में इसकी रिपोर्टिंग करें। पुलिस थानों में बच्चों की काउंसलिंग के समय पुलिस अधिकारियों से वर्दी न पहनकर सिविल ड्रेस में पूछताछ और काउंसलिंग करने का सुझाव दिया गया।
इस अवसर पर सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास रोहित बड़कुल, एसडीओपी पीयुष मिश्रा, एपीसी केके उपाध्याय, जिला बाल अधिकार संरक्षण समिति अध्यक्ष एवं सदस्य सहित संबंधित उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर